अमुवि के कृषि विज्ञान संकाय के प्लांट प्रोटेक्शन विभाग के वरिष्ठ शिक्षक तथा फैजाबाद के नरेन्द्र देव कृषि तथा प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, के पूर्व कुलपति को अमुवि का नया सहकुलपति नियुक्त किया l

अलीगढ़ / अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने अमुवि के कृषि विज्ञान संकाय के प्लांट प्रोटेक्शन विभाग के वरिष्ठ शिक्षक तथा फैजाबाद के नरेन्द्र देव कृषि तथा प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, के पूर्व कुलपति को अमुवि का नया सहकुलपति नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति तत्काल प्रभाव से अग्रिम आदेश तक की गई है। आज उन्होंने पीवीसी पद का कार्यभार ग्रहण कर लिया।

प्रोफेसर अख्तर हसीब प्रख्यात शिक्षाविद् तथा कृषि क्षेत्र के अग्रणी वैज्ञानिक हैं तथा उन्होंने नेमाटोलोजी के क्षेत्र में उत्कृष्ट शोध कार्य कर अपनी अलग पहचान बनाई है। प्रोफेसर हसीब ने अमुवि से 1976 में एमएससी, 1983 पीएचडी की डिग्री प्राप्त की तथा इंडियन एग्रीकल्चरल इंस्टीटयूट नई दिल्ली से नेमाटोलाॅजी में पीजी डिप्लोमा की सनद् प्राप्त की।

प्रोफेसर हसीब ने सेंट्रल इंस्टीटयूट आॅफ मेडीसनल एण्ड ऐरोमेटिक्स प्लांट्स, लखनऊ के वैज्ञानिकों की टीम में कार्य करते हुए मेंथाल से निर्मित दवा की तैयारी में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिसको बाद में अमरीकी पेटेंट एजेंसी द्वारा पेटेंट किया गया।

प्रोफेसर हसीब के 150 से अधिक शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने एक किताब का संपादन भी किया है। जबकि 20 से अधिक पुस्तकों में अध्याय भी प्रकाशित हो चुके हैं। प्रो. हसीब ने तीन छात्रों की पीएचडी तथा एक एमफिल के निर्देशन समेत विभिन्न सरकारी एवं अर्धसरकारी एजेंसियों द्वारा प्रदत्त शोध परियोजनाओं मी अगुवाई की है।

प्रोफेसर हसीब ने अपने लगभग 40 वर्षीय शैक्षणिक कार्यकाल में विभिन्न शैक्षणिक एवं प्रशासनिक पदों पर विश्वविद्यालय तथा राष्ट्रीय स्तर पर सेवायें प्रदान की हैं। वह अमुवि में अमुवि कोर्ट, एक्जीक्यूटिव कौन्सिल, परीक्षा समिति, वित्त समिति, सेंट्रल लाइब्रेरी कमेटी, ग्रीवांस कमेटी तथा प्रवेश नीति कमेटी के सदस्य के साथ ही विभिन्न बोर्ड आॅफ स्टडीज़ तथा कोर्सेज़ के कोर्डीनेटर रह चुके हैं।

इसके अतिरिक्त उन्होंने एग्रीकल्चरल साइंस फैकल्टी अमुवि के अधिष्ठाता, प्लांट प्रोटेक्शन विभाग के अध्यक्ष, परीक्षा कंट्रोलर, कार्यवाहक रजिस्ट्रार, दवाखाना तिब्बिया काॅलेज के मेम्बर इंचार्ज, एआईआर सीआरपी-नेमाटोड्स, आईसीएआर, नई दिल्ली के अमुवि केन्द्र के मेम्बर इंचार्ज, अमुवि के ओएसडी (डवलपमेंट), पीजी डिप्लोमा इन पेस्ट मैनेजमेंट, पीजी डिप्लोमा इन होर्टीकल्चर के इंचार्ज तथा इंस्टीटयूट आॅफ मेडीसनल एण्ड ऐरोमेटिक्स प्लांट्स, लखनऊ के नेमाटोलोजी सेक्शन के अध्यक्ष के रूप में अपनी सेवाऐं प्रदान की हैं।

प्रोफेसर हसीब अमुवि समेत देश विदेश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, संगठनों तथा समितियों के अध्यक्ष एवं सदस्य के रूप में महत्वपूर्ण सेवाऐं दे चुके हैं। जिनमें उत्तर प्रदेश एकेडमी आॅफ एग्रीकल्चरल साइंसेज के उपाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम के निदेशक, भारत सरकार स्पाइस बोर्ड के नामित सदस्य, यूपी कौन्सिल आॅफ साइंस टैक्नालोजी के सदस्य, बायोवेड रिसर्च इंस्टीटयूट आॅफ एग्रीकल्चर एण्ड टैक्नालोजी, इलाहाबाद के अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश कौन्सिल आफ एग्रीकल्चरल रिसर्च के बोर्ड आॅफ मैनेजमेंट की सदस्यता शामिल है।

प्रो. हसीब की सेवाओं तथा शोध के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों के लिये कई गौरवशाली पुरस्कार एवं सम्मान प्रदान किये गये हैं जिनमें यूपी काउंसिल आॅफ साइंस एण्ड टैक्नालेाजी का विज्ञान गौरव एवार्ड, सीएसआईआर का आउट स्टेंडिंग साइंटिस्ट एवार्ड, श्री पीपी सिंघल मेमोरियल एवार्ड, प्रोफैसर वीपी भिड़े मेमोरियल एवार्ड लेक्चर, एसएसडीएटी का लाइफ टाइम अचवमेंट एवार्ड, अमुवि का लाइफ टाइम अचीवमेंट एवार्ड, रिकिंगनेशन एवार्ड गोल्ड मेडिल एवार्ड, बायोवेद रत्न एवार्ड, नेशनल यूपी एजूकेशन एवार्ड, संगम रत्न एवार्ड तथा एनआईईआर का नेशनल एक्सीलेंस एवार्ड के अलावा अज़रा आॅनरेरी फैलोशिप एवार्ड सहित विभिन्न शैक्षणिक संगठनों के पुरस्कार शामिल हैं।  

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