अमुवि के संस्थापक सर सैयद अहमद खाँ दर्शन को मार्गदर्शक सिद्धांत मानते हुए विश्वविद्यालय को नई ऊँचाइयाँ और भव्यता की ओर ले जाएँगे।प्रो. तारिक मंसूर

अलीगढ़ अगअलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफे़सर तारिक़ मंसूर ने नये शिक्षा सत्र के आरम्भ में छात्रों के नाम जारी एक पत्र में उनका स्वागत करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। उन्होंने कहा है कि उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का चयन करके उन्होंने एक अच्छा क़दम उठाया है तथा उन्हें आशा है कि वे विश्वविद्यालय में रहते हुए अमुवि के संस्थापक सर सैयद अहमद खाँ दर्शन को मार्गदर्शक सिद्धांत मानते हुए विश्वविद्यालय को नई ऊँचाइयाँ और भव्यता की ओर ले जाएँगे।

उन्होंने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय उच्च शिक्षण संस्थानों की विभिन्न रैकिंग में लगातार आगे बढ़ रहा है तथा गत दो वर्षों में विश्वविद्यालय ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के नेशनल इंस्टीटयूशनल रैकिंग फ़्रेमवर्क में अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन किया है। इसके अतिरिक्त अमुवि ने यूएस न्यूज़ एण्ड वल्र्ड रिपोर्ट में दूसरा तथा इंडिया टुडे की रैकिंग में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए यह वर्ष संतोषजनक रहा है। इसके बावजूद हमें इन्हीं उपलब्धियों पर रूकना नहीं है और अपने अच्छे कार्यों को निरंतरता प्रदान करनी है, क्योंकि सुधार एक सतत और निरंतर प्रक्रिया है।

कुलपति ने कहा है कि यदि नये शिक्षा सत्र का आरंभ शांतिपूर्ण ढंग से होता तो अत्यंत प्रसन्नता की बात होती, परन्तु दुर्भाग्य से कुछ ऐसे मामले सामने आये जिन पर मुझे आपसे सीधे बात करनी है।

कुलपति ने कहा है कि मेरे प्रिय छात्रों आप विश्वविद्यालय की धुरी हैं तथा मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता आपका कल्याण और बेहतरी है।

उन्होंने छात्रों को अवगत कराते हुए कहा कि गत दिवस कुछ छात्रों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है, क्योंकि वे बार-बार अनुशासनहीनता एवं आपराधिक दुव्र्यवहार जैसी गतिविधियों में संलिप्त हो रहे थे तथा उन्होंने अंतिम सीमा लाँघ दी थी। उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि कुछ छात्र विश्वविद्यालय परिसर में पुलिस चैकी की स्थापना को लेकर अफवाह फैला रहे हैं। मैं विश्वविद्यालय के समझदार तथा विवेकपूर्ण छात्रों से अपील करता हूँ कि वे इस प्रकार के दुष्प्रचार तथा भ्रामक अफ़वाहों के शिकार न हों तथा किसी भी माध्यम से प्राप्त होने वाले भ्रामक समाचार पर विश्वास करने से पहले उसकी जाँच कर लें।

कुलपति ने छात्रों से कहा कि उनके अभिभावक के रूप में वे यह मानते हैं कि परीक्षाएँ शैक्षणिक व्यवस्था की रीढ़ की हड्डी हैं, अतः यह हमारा प्राथमिक दायित्व है कि परीक्षाओं के संचालन की व्यवस्था को पाक-साफ़ और पारदर्शी बनाये रखा जाए, परीक्षाओं की शुचिता को बनाये रखने के लिए हम निहित स्वार्थों वाले लोगों के हस्तक्षेप अथवा अनुचित साधनों और हेरफेर को स्वीकार नहीं कर सकते।

अपने पत्र में कुलपति ने छात्रों से आग्रह किया है कि वे विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध विश्वविद्यालय अधिनियम, स्टैच्यूट्स, आॅर्डीनेंसेज़ तथा छात्रों के कोड आॅफ़ कंडक्ट से सम्बन्धित नीतियों एवं प्रावधानों से भलीभांति परिचित होना चाहिए न कि शरारती तत्वों द्वारा विभिन्न सोशल मीडिया पर फैलाई जाने वाली भ्रामक अफ़वाहों पर विश्वास करना चाहिए, जिन्हें कुछ लोग अपने नापाक इरादों के चलते इस संस्था के कार्यों में व्यवधान उत्पन्न करने के लिए फैलाते हैं। उन्होंने कहा है कि उनके द्वारा छात्रों से सम्बन्धित सभी मुद्दों पर सभी लोगों से लोकतांत्रित संवाद स्थापित करके उनकी समस्याओं को हल करने का प्रयत्न किया गया है और इसी का परिणाम है कि विश्वविद्यालय में शांति एवं सद्भाव का वातावरण कायम है। परन्तु यह भी सत्य है कि छात्रों तथा स्टाॅफ के द्वारा मूलभूत अनुशासन का पालन न करने पर कोई भी शैक्षणिक संस्था विकसित नहीं हो सकती। उन्होंने कहा है कि मैं पूर्ण जिम्मेदारी तथा अपने निहित अधिकार के साथ अवगत कराना चाहता हूँ कि यदि कोई व्यक्ति अनुशासनहीनता में लिप्त पाया जाएगा अथवा परिसर के शांतिपूर्ण वातावरण में विघ्न डालने का प्रयास करेगा तो उसके विरूद्ध विधिसम्मत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

कुलपति ने कहा है कि विश्वविद्यालय लोकतांत्रिक भावना और शिकायतों के स्थापित तंत्र के आधार पर कार्य करता है। यदि किसी छात्र को कोई शिकायत है, तो वह कुलपति समेत किसी भी सक्षम अधिकारी के समक्ष अपनी बात औपचारिक रूप से रख सकता है। उन्होंने कहा कि छात्रों को अपनी शिकायतों के समाधान के लिए उचित प्रक्रिया अपनानी चाहिए तथा ऐसे तत्त्वों से सहायता अथवा सहयोग लेने बचना चाहिए जो उनकी स्थिति का अपने स्वार्थों के लिए दुष्प्रयोग करते हैं।

प्रो. तारिक मंसूर ने अपने पत्र में अमुवि की छात्र बिरादरी से अपील की है कि वे ऐसे लोगों का हिस्सा बनने से बचें जो अपने निजी लाभ और स्वार्थपरक प्रयोजनों के लए छात्रों के इस्तेमाल की इच्छा रखते हैं। उन्होंने कहा है कि वे छात्रों की सहायता, मार्गदर्शन और सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार हैं।

कुलपति ने आशा व्यक्त की कि छात्रों के सहयोग से वर्तमान शैक्षणिक सत्र लाभदायक, शांतिपूर्ण और सफल सिद्ध होगा।

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