राष्ट्रीय महिला पुलिस सम्मेलन में सम्मानित हुईं इंस्पेक्टर अरूणा राय !



अलीगढ़ - 19 और 20 नवंबर को पिछले वर्ष 2018 में रांची झारखंड में BPR&D ने पुलिस में महिलाओं की भूमिका पर एक राष्ट्रीय स्तर पर कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी, जिसमे देश भर के कई आईपीएस और पुलिस कर्मी शामिल हुए थे । इस कॉन्फ्रेंस में बन्ना देवी प्रभारी अरुणा राय के द्वारा भी भाग लिया गया था, और उनके द्वारा प्रस्तुत विचारों पर उन्हें DG bpr & d  श्री माहेश्वरी द्वारा बेहद सराहा गया था। जिसमे प्रभारी बन्ना देवी ने बताया था कि महिलाओं को अभी भी पुलिस में मजबूती से आगे आना होगा ,महिला पुलिस सुविधाओ पर up पुलिस को बहुत काम करने होंगे ताकि उनकी क्षमता का सही इस्तेमाल किया जा सके । जैसे ,प्रोग्रेसिव समाज मे महिला पुलिस अपने छोटे बच्चों को थाने ला सकें , जिसके लिए थाने पर क्रेच की व्यवस्था हो (जिसकी नींव थाना बन्ना देवी में रखी जा चुकी है ) महिलाओं की क्षमता का सही इस्तेमाल इसलिए भी नही हो पाता क्योंकि वो अपने पीछे अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहती है । जिसके लिए पुलिस में बहुत काम करने की जरूरत है। प्रत्येक थाने वीमेन फ्रण्डली हो , जहां महिलाओं के टॉयलेट अलग से हो,उनके लिए फीडिंग कक्ष की व्ववस्था हो ।
इसके लिए अलग से बजट हो, और हर पालिसी मेकर ये ध्यान में रखे ,की आने वाले समय मे ये  क्रेच या महिलाओं के सिक या फ़ीड रूम ,मालखाने में न तब्दील हो जाये । DG BPR&D ने प्रभारी बन्ना देवी की बात को प्रमुखता से लेते हुए ,उक्त रिकमंडेशन को जमीनी हकीकत में बदलने के लिए एक पैनल गठित किया ,जिसमे 4 आईपीएस के अलावा प्रभारी बन्ना देवी अरूणा राय को भी शामिल किया । उन्होंने माना कि पुलिस में क्राइम पर काम के साथ पुलिस के वेलफेयर पर भी एक साथ काम करना होगा । ये अलीगढ पुलिस के लिए हर्ष का विषय है कि इस स्तर पर काम करने के लिए बन्ना देवी प्रभारी का चुनाव किआ गया है । उम्मीद है कि आने वाले समय मे क्रांतिकारी कदम उठाते हुए पुलिस अपने संगठन में सुधार करते हुए काम करेगी । जिससे उनके काम करने में सकारात्मक परिणाम आएंगे । ये हमारे लिए भी हर्ष की बात होगी कि बन्ना देवी प्रभारी महिला पुलिस को दबाव और तनाव से मुक्त करने की पहल कर सकेंगी, ताकि पुलिस में महिला की भागीदारी ज्यादा से ज्यादा हो सके ,और उनकी क्षमता का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल हो सकेगा।हमारे पास ऐसे आंकड़े हैं जो बताते हैं कि भारत में 2018 के सकल घरेलू उत्पाद में $1.4 ट्रिलियन और 2.8 ट्रिलियन डॉलर के बीच रुक गया है। इसकी सबसे बड़ी वजह कार्यबल में महिला भागीदारी का कम होना है। इसे बढाने के लिए अगर ऐसा सोचा गया है तो यह देश को आगे ले जाने वाली बात है ।

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