जेएनएमसी, के पीडियाट्रिक कार्डिकएवेलुएशन एण्ड कार्डिक सर्जरी (पीसीई-सीएस) यूनिट में 4 माह की बच्ची के हृदय की चिकित्सा सफलता पूर्वक की गई।

अलीगढ़ / अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (अमुवि) के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल काॅलिज (जेएनएमसी) के पीडियाट्रिक कार्डिकएवेलुएशन एण्ड कार्डिक सर्जरी (पीसीई-सीएस) यूनिट में 4 माह की बच्ची के हृदय की चिकित्सा सफलता पूर्वक की गई। अर्पिता नाम की इस बच्ची के हृदय में जन्म से ही सूराख था तथा उसे तुरंत चिकित्सा की आवश्यकता थी। पीसीई-सीएस यूनिट के संयोजक प्रोफेसर तबस्सुम शहाब ने बताया कि बच्ची का वज़न कम था, वह केवल चार किलो ग्राम की थी, जिसके कारण उक्त शल्य चिकित्सा और भी जटिल थी, परंतु जेएनएमसी के चिकित्सकों ने यह चुनोती स्वीकार करते हुए सफलता पूर्वक शल्य उक्त चिकित्सा की। इस सफलता पर चिकित्सकों को बधाई देते हुए प्रोफेसर तबस्सुम शहाब ने कहा कि इस शल्य चिकित्सा से जेएनएमसी में नवजात शिशुओं के हृदय की शल्य चिकित्सा का द्वार खुल गया है।

उक्त शल्य चिकित्सा करने वाले डा0 मिर्ज़ा एम कामरान तथा डा0 शाद अबकरी ने बताया कि बच्ची को दो बार जानलेवा निमोनिया हो चुका था तथा जेएनएमसी में भर्ती किये जाते समय वह बहुत पीड़ा में थी जिसके कारण यह शल्य चिकित्सा सरल नहीं थी। डा0 शहज़ाद तथा डा0 शमीम भी शल्य चिकित्सा करने वाले दल में शामिल थे।

अर्पिता को शल्य चिकित्सा के बाद तबियत ठीक होने पर चिकित्साल्य से छुटटी देदी गई है। जेएनएमसी में शिशुओं के हृदय रोग के विशेषज्ञ डा0 शाद अबकरी ने डा0 आज़म हसीन तथा कार्डियोवेसकुलर एण्ड थोरेसिक सर्जरी के दल का आभार व्यक्त किया है।

महाराज गंज निवासी अर्पिता के पिता श्री सचिन कुमार ने अपनी बच्ची की सफल शल्य चिकित्सा पर जेएनएमसी के चिकित्सकों का आभार व्यक्त किया है।

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