एकता में बड़ी ताकत होती है तथा विश्वविद्यालय के हितों की रक्षा के लिये हमें कभी कभी अपने हितों की कुर्बानी देनी होगी: प्रो. तारिक मंसूर


                                 Photo : प्रो. तारिक मंसूर
अलीगढ़ /अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने अपने कार्यकाल के दो वर्ष पूरे होने पर विश्वविद्यालय छात्रों, शिक्षकों तथा पूर्व छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा है कि उन्होंने विश्वविद्यालय में सभी वर्गों के मध्य लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित सम्बन्धों की स्थापना का प्रयास किया जिसके चलते विश्वविद्यालय में पूर्ण रूप से शांति पूर्ण वातावरण स्थापित हुआ। उन्होंने कहा कि वह विश्वविद्यालय कैम्पस में कानून व्यवस्था बनाये रखने तथा विश्वविद्यालय को विकास के पथ पर अग्रसर करने के लिये उनकी सहायता एवं सहयोग के अभिलाषी हैं।

कुलपति ने कहा कि एकता में बड़ी ताकत होती है तथा विश्वविद्यालय के हितों की रक्षा के लिये हमें कभी कभी अपने हितों की कुर्बानी देनी होगी।

उन्होंने कहा कि वह समस्याओं के शांतिपूर्ण एवं सहयोगात्मक निदान के पक्षधर हैं तथा किसी भी प्रकार से टकराव की स्थिति उत्पन्न नहीं होने देना चाहते। विश्वविद्यालय का प्रबन्धन एक टीम वर्क का परिणाम है तथा इसमें विश्वविद्यालय बिरादरी के सभी वर्गों का सहयोग आवश्यक है। उन्होंने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें सभी वर्गों का सहयोग एवं समर्थन प्राप्त है और वह विश्वविद्यालय में धर्म निर्पेक्षता, बहुवाद एवं शांतिपूर्ण सहअस्तित्व तथा लैगिंग समानता एवं न्याय की स्थापना चाहते हैं।

प्रो. मंसूर ने कहा कि देश एवं विदेश की कई एजेन्सियों ने राष्ट्रीय संस्थानों की रैकिंग में अमुवि को महत्वपूर्ण पायदान पर स्थान दिया है। जबकि हमारे लाइफ साइंस संकाय को देश में सर्वोच्च स्थान प्राप्त हुआ है। यह हमारे लिये हर्ष का विषय है। इसके अतिरिक्त मानव संसाधन विकास मंत्रालय की इम्पावर्ड एक्सपर्ट कमेटी ने अमुवि को उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा देने की सिफारिश की है जिसके अन्तर्गत विश्वविद्यालय को पाॅच वर्षों के अन्तराल में एक हजार करोड़ की सहायता राशि प्राप्त होगी। इस निर्णय की घोषणा लोक सभा चुनावों के उपरान्त प्रत्याशित है। यूजीसी ने विश्वविद्यालय को ग्रेड -2 आॅटोनोमी प्रदान किया है जिससे विश्वविद्यालय में अनेक अवसर उत्पन्न होंगे तथा इनसे हमारे छात्रों एवं शिक्षकों को लाभ प्राप्त होगा।

कुलपति ने कहा कि नर्सिंग काॅलेज तथा पैरामेडीकल काॅलेज के लिये शिक्षकों के पदों की मंजूरी प्राप्त हो गयी है तथा दोनों काॅलेजों के लिये भवनों का निर्माण प्रारंभ होने वाला है। उन्होंने कहा कि अजमल खाॅन तिब्बिया काॅलेज के दवाखाना के नये काॅम्पलैक्स में कार्य प्रारंभ हो चुका है तथा सीसीआरयूएम काॅम्पलैक्स भी खाली कराया जा चुका है जो तिब्बिया काॅलेज तथा उसके अस्पताल के लिये प्रयोग में लाया जायेगा। उन्होंने कहा कि जेएन मेडीकल काॅलेज में नेशनल हैल्थ मिशन के अन्तर्गत ‘‘मैटर्नल एण्ड चाइल्ड हैल्थ विंग’’ की स्थापना के लिये 28 करोड़ रूपये मंजूर किये गये हैं। इसके अतिरिक्त शिशु रोग विभाग में डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके लिये नेशनल हैल्थ मिशन के अन्तर्गत 8 करोड़ रूपये प्रदान किये गये हैं।

इसके अलावा 16 करोड़ रूपये की धनराशि की सहातया से पीडियाट्रिक कार्डियोलोजी तथा पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी सेंटर की स्थापना की जा चुकी है। उत्तर प्रदेश में इस मद में प्राप्त होने वाली यह सबसे बड़ी धनराशि है। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में छात्रावासों की उपलब्धता के लिये वह विशेष रूप से चिंतित हैं तथा इसी क्रम में 1500 छात्राओं के लिये बेगम अजीजुन निंसा हाल में आवासीय सुविधा शुरू की जा चुकी है। छात्राओं को सामर्थ प्रदान करने के लिये विश्वविद्यालय ने भारत सरकार को ‘‘काॅलेज आॅफ प्रोफेशनल स्टडीज़ फाॅर वीमेन’’ की स्थापना का एक प्रस्ताव भेजा है जो 140 करोड़ की अनुमानित लागत से तैयार होगा। यदि इस काॅलेज की स्थापना की मंजूरी प्राप्त होती है तो यह विश्वविद्यालय के 2020 में शताब्दी समारोह की एक महत्वपूर्ण विशिष्टता होगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह की रूपरेखा तैयार करने के लिये एक कमेटी भी गठित की है।

कुलपति प्रो. मंसूर ने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अमुवि में स्थित यूजीसी एचआरडीसी में लीप ट्रेनिंग प्रोग्राम भी प्रदान किया है। इसके सहित देश भर के महत्वपूर्ण शिक्षण संस्थानों से चुने गये 26 वरिष्ठ शिक्षाविदों को ओहायो स्टेट यूनीवर्सिटी अमेरिका तथा अमुवि में अकेडमिक लीडरशिप ट्रेनिंग प्रदान की जायेगी।

उन्होंने कहा कि अमुवि ने शीतकालीन छुट्टियों में अलीग्स एकेडमिक इनरिचमेंट प्रोग्राम के अन्तर्गत कार्यक्रम आयोजित किया। जिसमें अमेरिका तथा इंग्लैंड में रहने वाले अमुवि पूर्व छात्रों ने हमारे शोधार्थियों तथा शिक्षकों के लिये प्रस्तुतियां दीं।

कुलपति ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि हमारे सिविल इंजीनियरिंग विभाग के शिक्षकों को ताजमहल के संरक्षण का एक प्रोजेक्ट प्रदान किया गया है। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय ने सामाजिक एकरूपता तथा दिव्यांगों के सशक्तिकरण के लिये इस वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिये प्रवेश तथा नौकरी में 4 प्रतिशत रिजर्वेशन प्रदान किया है।

उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रयागराज में आयोजित महाकुम्भ मेला में 21 सदस्यों पर आधारित आरडीए के डाॅक्टर्स की टीम ने श्रद्वालुओं को मुफ्त चिकित्सा सेवा प्रदान की। इसके अतिरिक्त अमुवि सौर ऊर्जा प्लांट की परिधि को बढ़ाते हुए विश्वविद्यालय कैम्पस को पूर्ण रूप से ग्रीन कैम्पस में बदलने की ओर अग्रसर है। अमुवि वेबसाइट की भी पुनर्रचना की गयी है।

प्रो. मंसूर ने कहा कि विश्विवद्यालय के शैक्षणिक कार्य क्षेत्र को बढ़ाते हुए 2019-20 सत्र से कई नये कोर्सेज शुरू किये गये हैं जिनमें एमबीए (हास्पीटल एडमिनिस्ट्रेशन), एमबीए (इस्लामिक बैंकिंग एण्ड फाइनेंस), तिब्बिया काॅलेज में 4 एमडी पाठ्यक्रम, पीजी डिप्लोमा इन मुस्लिम चैप्लेंसी और एनेस्थीसियोलोजी, पीडियाट्रिक्स, गायनाकोलोजी, आर्थोपेडिक्स, रेडियोडायग्नासिस तथा आफ्थलमोलोजी  में डिप्लोमा पाठ्यक्रमों को एमडी तथा एमएस में रूपांतरण शामिल है।

कुलपति ने कहा कि गत दो वर्षों में 64 कक्षाओं को स्मार्ट क्लास रूम में परिवर्तित किया जा चुका है तथा विश्वविद्यालय में आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता तथा कैम्पस विकास के लिये यूजीसी ने 19 करोड़ रूपये प्रदान किये हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों-छात्राओं को खेलकूद के विकसित अवसर एवं सामग्री प्रदान किये गये हैं जिनके चलते बड़ी संख्या में हमारे छात्र व छात्राओं ने राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी उपलब्धियां प्राप्त की हैं। उन्होंने कहा आवासीय हालों में डायनिंग हाल तथा रीडिंग रूम्स में काफी विकास किये गये हैं। इसी के साथ स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जा रहा है तथा विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक धरोहर को प्रतिबिंबित करने वाले ऐतिहासिक भवनों के पुनर्रद्वार का कार्य भी प्रगति पर है।

कुलपति ने कहा कि अमुवि ने विश्वविद्यालय शैक्षणिक स्तर को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के समकक्ष लाने के उद्देश्य से विश्व के प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ करार किया है जिनमें ब्रुकलिन काॅलेज, न्यूयाॅर्क, यूनिवर्सिटी इस्लाम सुल्तान शरीफ अली, ब्रुनई, इंटरनेशनल इस्लामिक यूनिवर्सिटी मलेशिया, मैसाचूसट्स जनरल हाॅस्पीटल, अमरीका तथा नेशनल इंस्टीटयूट आॅफ सोलर इनर्जी आदि शामिल हैं।


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