हाथों व पैरों में खून के कम प्रभाव के कारण सुन्नी एवं गैंगरीन (गलाव) का होना। और यह एन्जियोप्लास्टी से काफी अच्छी तकनीक है:डॉ. मनोज गुप्ता

अलीगढ़ / को धीरज हाॅस्पीटल में एक आरटीरियल क्लीयरेन्स थिरेपी  के सम्बन्ध में डा0 मनोज गुप्ता ने आरटीरियल क्लीयरेन्स थिरेपी के बारे में प्रैस वार्ता  बताया
आरटीरियल क्लीयरेन्स थिरेपी क्या है ? यह एक आधुनिक (नाॅन इन्वेन्सिव) चिकित्सा विधि है जिसमें बिना आॅपरेशन के पूरे शरीर की एवं हृदय की खून की नलियों की रुकावट दवाईयों द्वारा दूर की जाती है। और यह सीने में दर्द, हाईब्लड प्रैशर, डाइबिटीज, फलिश की शुरूआती अवस्था में। हार्ट अटैक एवं हार्ट को फेल होना। हाथों व पैरों में खून के कम प्रभाव के कारण सुन्नी एवं गैंगरीन (गलाव) का होना। और यह एन्जियोप्लास्टी से काफी अच्छी तकनीक है बाईपास सर्जरी एवं एन्जियोप्लास्टी के दौरान जीवन का खतरा रहता है और खर्च भी ज्यादा होता है। एक बार में एक या दो ब्लाॅकेज ही खुल पाते हैं और वह भी कुछ समय के लिए तथा 85 प्रतिशत मरीजों में दुबारा से ब्लाॅकेज हो जाता है जो कि ज्यादा खतरनाक है। आरटीरियल क्लीयरेन्स थिरेपी से कई फायदे है। इस नई चिकित्सा के द्वारा सारे शरीर की खून की नलियों में जमा कोलिस्ट्राॅल व भारी खनिज लवणों की सफाई होती है। रोगी को इलाज के दौरान जीवन का खतरा नहीं रहता तथा खर्चा भी बहुत कम होता है। 
डा. मनोज गुप्ता ने प्रिवेन्टिव कार्डियोलाॅजी के अन्तर्गत हृदय रोगियों का इलाज इस विधि द्वारा शुरू किया है जिसमें उनका प्राथमिक उद्देश्य हृदय की प्रक्रिया को बीमार अवस्था से वापस नाॅरमल अवस्था में लाना है।

Post a Comment

0 Comments