Surf Excel का Ms Excel से किया सम्बन्ध है

फोटो : थर्ड पार्टी 
सेंट्रल डेस्क : समाज में भाईचारे का संदेश देने की कोशिश कर रहे सर्फ एक्सल के विज्ञापन की वजह से लोग उसे बायकॉट करने की बात करने लगे. सोशल मीडिया पर दो दिन पहले ही सर्फ एक्सल को बायकॉट करने के लिए कैंपन चल रहा है. दरअसल इस विज्ञापन में एक हिंदू बच्ची और मुस्लिम बच्चे को लेकर छोटी सी कहानी दिखाई गई है, जिसका सोशल मीडिया पर एक तबका विरोध कर रहा है. ट्विटर पर कुछ लोग इसे हिंदू फोबिक और विवादित करार दे रहे हैं.
लेकिन यह विरोध और बायकॉट अचानक से माइक्रोसॉफ्ट के MS Excel के लिए नकारात्मक असर डालने लगा. आपको समझ में नहीं आ रहा होगा कि Surf Excel का MS Excel से क्या संबंध है और लोग इसके बारे में निगेटिव रिव्यू क्यों देने लगे. इसकी वजह है दोनों में Excel (जो कॉमन है) का होना. कई सोशल मीडिया यूजर्स ने तो गूगल के प्ले स्टोर पर जाकर माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल के बारे में गलत प्रचार करने लगे, जिसकी वजह से इसकी रेटिंग घट गई.
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दरअसल ट्रोल करने वालों को लगा कि प्ले स्टोर पर मौजूद MS Excel का एप्लीकेशन Surf Excel है. इस गलतफहमी की वजह से वे इसे ट्रोल करने लगे. कुछ यूजर्स ने कहा कि पहले मैं MS Excel पर काम करता था, लेकिन जब से इसने सर्फ के साथ करार किया है मैं इसे नापसंद करने लगा हूं. एक ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘Surf Excel का बहिष्कार करो क्योंकि यह हिंदू विरोधी है. पाकिस्तान में जाकर बिजनेस करो.’ एक यूजर ने लिखा कि जहां कहीं मैं Excel शब्द देखता हूं मुझे यह हिंदू के खिलाफ प्रोपेगेंडा की तरह लगता है.
ऐसा नहीं है कि इस तरह की यह पहली घटना है. 2017 में Snapchat के CEO इवान स्पीगल ने कहा था कि वह भारत में अपने बिजनेस को नहीं बढ़ाना चाहते क्योंकि यह गरीब देश है. उसके बाद वे ट्रोल हो गए थे. उस दौरान कुछ लोगों ने Snapchat की जगह गलती से Snapdeal को भी ट्रोल करना शुरू कर दिया था.
सर्फ एक्सेल ने क्या दिखाया है विज्ञापन में
करीब एक मिनट के इस ऐड में दिखाया गया है कि सफेद टी-शर्ट पहने एक हिंदू लड़की पूरी गली में साइकिल लेकर घूमती है और बालकनी और छतों से रंग फेंक रहे सभी बच्चों के रंग अपने ऊपर डलवाकर खत्म करा देती है. रंग खत्म हो जाने के बाद वह अपने मुस्लिम दोस्त के घर के बाहर जाकर कहती है कि ‘बाहर आजा सब खत्म हो गया.’ बच्चा घर से सफेद कुर्ता-पजामा और टोपी पहने निकलता है. बच्ची उसे साइकिल पर बैठाकर मस्जिद के दरवाजे पर छोड़ती है.
आखिरी में उसके सीढ़ी चढ़ते वक्त बच्चा कहता है नमाज़ पढ़ के आता हूं. वह कहती है, बाद में रंग पड़ेगा. इस पर उसका मुस्लिम दोस्त धीमे से मुस्कुरा देता है. विज्ञापन अंत में कहा जाता है ‘अपनेपन के रंग से औरों को रंगने में दाग लग जाएं तो दाग अच्छे हैं.’ बता दें सर्फ एक्सल की परंपरागत टैगलाइन ‘दाग अच्छे हैं’ है. सर्फ एक्सल के इस विज्ञापन के ज़रिए हिंदुस्तान यूनीलीवर ने ये संदेश देने कि कोशिश की थी कि रंगों के जरिए समाज साथ आ सकता है. साभार 

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