हजरत अली के जन्म दिवस (अली डे) के अवसर पर अमुवि के अली सोसाइटी द्वारा विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन

अलीगढ़ /हजरत अली के जन्म दिवस (अली डे) के अवसर पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अली सोसाइटी द्वारा विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया गया मौलाना आजाद लाईब्रेरी में हजरत अली के जीवन पर आधरित पुस्तको की प्रदर्शनी लगायी गई। मुख्य समारोह कैनाडी हॉल में संपन्न हुआ।कैनाडी हॉल में आयोजित भव्य अली डे समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि ख्वाजा मुईनउद्दीन चिश्ती अरबी फारसी विश्विद्यालय लखनऊ के कुलपति प्रोफेसर माहरूख मिर्जा ने कहा कि हजरत अली के मौला-ए-कायनात सहित सौकड़ों उपनाम हैं जो इस बात का प्रतीक है कि वह केवल किसी एक धर्म तक सीमित नहीं है बल्कि संपूर्ण विश्व के लिए प्रेणास्रोत है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि हज़रत अली जो स्वंय एक वैज्ञानिक, चिंतक, दर्शनशास्त्री, महानयोधा तथा कुशल प्रशासक थे, उनकी शिक्षा ने इब्ने सीना, उमर खय्याम और जाबिर इब्ने हैयान आदि को प्रभावित किया। उन्होंने कहा कि हज़रत अली के अनुयाइयों को ज्ञान की तलाश में अपना जीवन व्यतीत करना चाहिए। उन्होंने हजरत अली के कई कथन भी पढ़कर सुनाऐ।मानद अतिथि हुज्जतुल इस्लाम हाजी वालीपूर ने छात्रों से सर्व भौमिक भाईचारे के लिए काम करने का आग्रह किया क्योंकि यही इस्लाम का मूल सिद्धान्त है। उन्होंने कहा कि अगर हम इमाम अली के जीवन पर गौर करेंगें तो हम पाएगें कि यह प्रेम, शांति, सहिष्णुता और बड़े दिल से भरा हुआ है।प्रोफेसर एमेरेटस प्रो0 फरहतउल्ला खान ने कहा कि हजरत अली ने नहजुल बलागा में जो दृष्टिकोण पेशा किया है वह वर्तमान में भी प्रासंगिक और महत्वपूर्ण है।
उन्होंने हज़रत अली द्वारा मिस्र के गर्वनर को लिखे पत्र को उदृघत किया जिसमें लोगों को क्षमा करने पर जोर दिया गया।मौलाना अख्तर अब्बास जोन ने कहा कि महान व्यक्ति अपने समय में अज्ञात रहते है। और कई पीढ़ियों के गुजर जाने के बाद इन व्याक्तिवों की महानता का अहसास होता है।प्रोफेसर ऐनुल हसन और सैयद शोहरत अदीब ने इमाम अली को काव्यश्रद्धा सुमन अर्पित किये।अली सोसाइटी के अध्यक्ष प्रोफेसर परवेज कमर रिज़वी ने स्वागत भाषण दिया। जबकि कोषाध्यक्ष प्रो0 आबिद अली खान ने आभार जताया। अली सोसाइटी के सैयद साजिद हुसैन ने वार्षिक रिर्पोट पेशकी और अशहद परवेज के साथ मिलकर कार्यक्रम का संचालन किया। कार्यक्रम में अली डे के अवसर पर अयोजित निबंध, वाद विवाद, भाषण और क्विज प्रतियोगिता के विजयी प्रतिभागीयों को पुरूकृत भी किये गये। इससे पूर्व दिन में हज़रत अली के जीवन पर आधारित पुस्तक प्रदर्शनी का उद्घाटन रजिस्ट्रार अब्दुल हमीद आईपीएस द्वारा मौलाना आज़ाद लाइब्रेरी में किया गया। इस प्रदर्शनी में हजरत अली के जीवन के संबन्धित दो सो से अधिक पुस्तको, उनके द्वारा कूफी लिपि में हास्त लिखित पवित्र कुरान तथा दुलर्भ पांडुलिपियों को प्रदर्शित किया गया।

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