हाथरस /सिकन्दराराऊ, अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर भाईचारा सेवा समिति एवं विमल साहित्य संवर्धक संस्था द्वारा ग्लोबल एजूकेशन सोसायटी कार्यालय पर नारी शक्ति को समर्पित काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता हरपाल यादव ने और संचालन अवशेष कुमार विमल ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में महेश यादव संघर्षी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर नगर की दो समाज सेविकाओं अर्चना यादव एवं मंजू देवी अध्यक्ष सहकारी समिति अगसौली को समिति के पदाधिकारियों द्वारा सम्मानित किया गया।
भाईचारा सेवा समिति के प्रान्तीय उपाध्यक्ष हरपाल यादव एवं संस्थापक महेश यादव संघर्षी ने संयुक्त रूप से सभी देशवासियों को महिला दिवस की शुभकामनाएँ दीं
और कहा कि देश की मजबूती आधी आबादी में ही निहित है, यदि महिला सशक्त होंगी तो देश को सशक्त बनने से कोई नहीं रोक सकता।
और कहा कि देश की मजबूती आधी आबादी में ही निहित है, यदि महिला सशक्त होंगी तो देश को सशक्त बनने से कोई नहीं रोक सकता।
गोष्ठी का शुभारंभ शिवम कुमार आज़ाद की सरस्वती वंदना से हुआ।
कवयित्री कविता भारद्वाज ने पढ़ा -
नारी है तो नहीं है अबला शक्ति का संचार है।
प्रेम समर्पण और त्याग का जग को तू उपहार है।।
नारी है तो नहीं है अबला शक्ति का संचार है।
प्रेम समर्पण और त्याग का जग को तू उपहार है।।
शायर शिवम कुमार आज़ाद ने शेर पढ़ा -
सास के ताने हैं पति का झगड़ा भी है,
हँसके फिर भी उन्हें सह रही नारियाँ।
सास के ताने हैं पति का झगड़ा भी है,
हँसके फिर भी उन्हें सह रही नारियाँ।
हास्यकवि पंकज पण्डा ने पढ़ा -
अच्छे अच्छे पति भी उनके आगे पानी भरते हैं,
महिलाओं की ताकत उनके बेलन में ही होती है।
अच्छे अच्छे पति भी उनके आगे पानी भरते हैं,
महिलाओं की ताकत उनके बेलन में ही होती है।
अवशेष विमल ने पढ़ा -
माँ बनकर जीवन देती है बहना बन प्यार बढ़ाती है।
पत्नी बनकर सुख दुख बाँटे बेटी बन घर महकाती है।।
माँ बनकर जीवन देती है बहना बन प्यार बढ़ाती है।
पत्नी बनकर सुख दुख बाँटे बेटी बन घर महकाती है।।
अवनीश यादव ने पढ़ा -
वेद पुरान रामायण गीता शास्त्र सभी से यह कहते हैं।
नारी का सम्मान करे जो, देव उसी से खुश रहते हैं।।
वेद पुरान रामायण गीता शास्त्र सभी से यह कहते हैं।
नारी का सम्मान करे जो, देव उसी से खुश रहते हैं।।
गाफिल स्वामी ने पढ़ा -
एक दिवस क्या रोज ही,महिलाओं के नाम।
मातृशक्ति को जगत का,बंदन नमन प्रणाम ।।
एक दिवस क्या रोज ही,महिलाओं के नाम।
मातृशक्ति को जगत का,बंदन नमन प्रणाम ।।
चंदू बघेल ने पढ़ा -
नर होकर अभिमान न करना
नारी का अपमान न करना
नर होकर अभिमान न करना
नारी का अपमान न करना
गोष्ठी में प्रमुख रूप से जय प्रकाश, सुरेश सैनी, अनीता माथुर, मंजू गुप्ता, सीमा कश्यप, शिवांश यादव, कन्हैया यादव , राजेश यादव, संजय यादव, मनोज यादव, मनोज सविता आदि लोग उपस्थित रहे।
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