साहित्यक, एतिहासिक और सांस्कृतिक ग्रंथों के अनुवाद, कार्यशाला का आयोजन

अलीगढ़ / अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अंग्रेजी विभाग द्वारा यू0जी0सी0 एस0एपी डी0आर0एस0 द्वितीय कार्यक्रम तहत अवध और बुंदेलखंड क्षेत्रों से संबंधित साहित्यक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक ग्रंथों के अनुवाद पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।मुख्य वक्ता प्रोफेसर असदउद्दीन ने लोगोसेंट्रिक और फोनासेंट्रिक सिधान्तों के माध्यम से बताया कि किस प्रकार से पूर्वी अनुवाद पश्चिमी अनुवाद से भिन्न है।प्रोफेसर फरहतउल्ला खान ने प्रख्यात अनुवादकांं के कार्यों पर प्रकाश डालते हुए गेटे को उदृधत करते हुए कहा कि अनुवाद स्वभाविक रूप से असंभव है लेकिन लगभग आवश्यक है। अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर एम रिजवान खान ने अनुवाद की आवश्यकता पर प्रकाश डाला और लम्बे समय से गुमनाम पुराने ग्रथों को प्रकाश में लाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ग्रंथों का केवल अनुवाद ही नहीं बल्कि गलत अनुवाद किये गये ग्रंथों का पुनः प्रकाशन भी किया जाए ताकि उसकी सांस्कृतिक प्रमाणिकता बहाल हो।

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