हर धर्म मे एक दूसरे प्रेम करना बताया

हिन्दु धर्म नहीं एक जीवन शैली है
आपसी मेलमिलाप से ही आदर्श समाज का निर्माणहोता है
           अलीगढ /हिन्दु धर्म नहीं एक जीवन शैली है जिसमें विभिन्न धर्मो की अच्छाई समाहित है। हिन्दुस्तान जिसमें विभिन्न धर्म, जाति एवं सम्प्रदाय के लोग निवास करते हैंतथा अपने-अपने धर्म में आस्था रखने के साथ एक-दूसरे केधर्म को भी उतना ही सम्मान देते हैं जितना वह अपने धर्म को।

        यह विचार मुख्य विकास अधिकारी अनुनय झा ने विकास भवन सभागार में जिला एकीकरण समिति कीबैठक की अध्यक्षता करते हुए व्यक्तकियेउन्होंने कहा कि फ्रीडम फाइटर मु0 इकबाल का यह शेर ’’मजहब नहींसिखाता आपस में बैर रखना, हिन्दी हैं हम वतन हैहिन्दोस्ता हमारा’’ साम्प्रदायिक एकता का एक जीताजागता मिसाल है। उन्होंने कहा कि हर धर्म के मूल में एकदूसरे से प्रेम करना बताया गया है। उन्होंने कहा कि जिलाएकीकरण समिति का भी मुख्य उद््देश्य सभी लोगों कोआपसी मेलजोल एवं भाईचारे की भावना से सभी त्योहारोंको मनाना एवं सुख-शान्ति के साथ जीवन-यापन करना है।
      बैठक में जिला विकास अधिकारी मथुरा में प्रसाद मिश्र, जिला पंचायत राज अधिकारी पारूल सिसौदिया, उपनिदेशक कृषि अनिल कुमार, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी, डा0 मुदस्सर अली के साथ अन्य लोगों ने अपने विचारव्यक्त करते हुए जिला एकीकरण समिति के दायित्वों परप्रकाश डालते हुए कहा कि सामूहिक विवाह, मेलों, कविएवं मुशायरा सम्मेलनों एवं अन्य कार्यक्रमों द्वारा आपसीमेलजोल की भावना बलवती होती है। उन्होंने कहा किसमाज का विकास तभी सम्भव है जब हम जाति, धर्म,सम्प्रदाय आदि के विचारों से ऊपर उठकर देश के विकासमें अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करें।
                बैठक में उपस्थित अधिकारियों एवं समिति केसदस्यों द्वारा पुलवामा में शहीद हुए जवानों को 2 मिनटमौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गयी एवं उनकी दिवंगतआत्मा की शान्ती के लिए प्रार्थना भी की गयी। कार्यक्रमका संचालन प्रभारी लेखाधिकारी राजेश गौड ने करते हुएकविताओं के माध्यम से देशभक्ति एवं आपसी मेलजोल केसाथ रहने के लिए प्रेरित किया।

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