देश प्रेम जिंदा रखने की जिम्मेदारी कवियों की होती है :महेश संघर्षी

सिकन्दराराऊ, गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भाईचारा सेवा समिति व विमल साहित्य संवर्धक संस्था के संयुक्त तत्वावधान में ग्लोबल इंडिया एजूकेशन सोसायटी के कार्यालय पर राष्ट्र के नाम एक काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता भाईचारा सेवा समिति के उपाध्यक्ष हरपाल यादव ने की और  मुख्य अतिथि रहे भाई चारा सेवा समिति के संस्थापक महेश यादव संघर्षी । गोष्ठी का संचालन कवि अवशेष कुमार विमल ने किया। हरपाल यादव ने अपने सम्बोधन में समस्त देशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामना दी और कहा कि जन जन में देशप्रेम जिंदा रखने की जिम्मेदारी कवियों की होती है। महेश यादव संघर्षी ने कहा कि हमारे महान संविधान की बजह से ही देश को दुनियाँ का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश होने का गौरव प्राप्त है।  सरस्वती वंदना बालकवि पंकज कुमार ने की। इसके बाद अवनीश यादव ने पढ़ा -
देश हमारा बदल रहा है
बच्चा बच्चा सम्हल रहा है
संविधान के बल पर।

शिवम कुमार आज़ाद ने पढ़ा -
तिरंगे के कलर तीनों हमें आपस मिलजुल कर
सदा ही प्रेम से रहना शिवम हमको सिखाते हैं।

अवशेष कुमार विमल ने शहीदों के लिए पढ़ा -
शहीदों की मिट्टी को सौ सौ नमन है।
ये ऊँचा तिरंगा ही जिनका कफ़न है।।

गीतकार ललित मोहन भारद्वाज ने सुनाया -
भारत माता के वन्दन में अनेकों गाऊँगा
पड़ी जरूरत गर तो अपनी जान लुटाऊँगा

हास्यकवि पंकज पण्डा ने सुनाया -
देश जाये भाड़ में उनको क्या
वे कुर्सी की आड़ में उनको क्या

नवोदित कवि चंदू बघेल ने सुनाया -
देश पर जान लुटाने वाले
वही सच्चे भारत के रखवाले
     काव्य गोष्ठी में राजेश कुमार, संजय यादव, जाकिर भारती, अनीता माथुर,दिनेश बार्ष्णेय,मौ.अकरम खान, नबाब कुरैशी,मनोज सविता, राजेश प्रबन्धक,मनोज प्रधान,अश्वनी यादव, इरफान खान, देवेन्द्र बघेल व आदि।

Post a Comment

0 Comments