ऊपरकोट की जामा मस्जिद में सुबह 6 बजे नमाज अदा की जाएगी



Eid Ul Adha Namaz Time in Delhi, Nodia, Lucknow, Mumbai, Hyderabad Namaz Niyat Ka Time: इस्लाम धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक ईद-उल-अज़हा यानी बकरीद होता है।

इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, हर साल आखिरी माह ज़ु अल-हज्जा की 10वीं तारीख को बकरीद का पर्व मनाया जाता है। इस साल बकरीद 17 जून 2024 को मनाई जा रही है। ये पर्व पैगंबर हजरत इब्राहिम से ही कुर्बानी देने की प्रथा शुरू हुई थी। इस दिन नमाज अदा करने के बाद कुर्बानी दी जाती है। आमतौर पर बकरीद के दिन सुबह के समय नमाज जरूर अदा की जाती है। आइए जानते हैं आपके शहर में किस समय होगी नमाज। इसके साथ ही जानें ईद-अल-अज़हा का महत्व।


जानें बकरीद में कुर्बानी देने का क्या है महत्व?


ईद-अल-अज़हा इस्लामिक कैलेंडर का आखिरी महीना है। जिस दिन ईद-उल-अजहा का चांद दिखाई देता है उससे दस दिन बाद ईद-अल-अज़हा की नमाज अदा की जाती है और कुर्बानी की जाती है। बकरा ईद के दिन कुर्बानी करने का खास मकसद है। माना जाता है कि एक दिन हजरत इब्राहीम से ख्वाब में अल्लाह ने उनकी सबसे प्यारी चीज को अल्लाह की राह में कुर्बान करने को कहा। हजरत इब्राहिम ने अपने ख्वाब को सच जाना और अल्लाह की राह में अपनी सबसे अज़ीज चीज अपने बेटे को अपने रब की रजा के लिए कुर्बान


करने की ठान ली। हजरत इब्राहिम ने अल्लाह की रजा के लिए सबसे अजीज इकलौते बेटे इस्माइल को कुर्बान करने के लिए तैयार हो गए। हजरत इब्राहीम ने अपने आंखों में पट्टी बांधकर जैसे ही छुरी अपने बेटे की गर्दन पर चलाना शुरू की वैसे ही जन्नत से एक जानवर जमीन पर आ गया और हजरत इब्राहिम ने अपने बेटे की जगह उस जानवर की कुर्बानी हो गई। जब हजरत इब्राहीम ने अपनी आंखें खोली,तो देखकर दंग रह गए कि उनके बेटे की जगह एक दुम्बे की कुर्बानी हो गई है और उनका बेटा सही सलामत खड़ा था। हजरत इब्राहीम की इस सुन्नत को ही सारी दुनिया के मुसलमान हर साल पूरा करते हैं और जानवर की कुर्बानी करते हैं।


इस पर्व में नर बकरे या या किसी अन्य जानवर की कुर्बानी दी जाती है और उसे तीन हिस्सों में बांटा जाता है। पहला हिस्सा घर के लिए, दूसरा हिस्सा अपने दोस्तों या पड़ोसियों के लिए या फिर तीसरा हिस्सा किसी गरीब को दिया जाता है


बकरीद में शहर के अनुसार नमाज़ का समय


भारत में ईद-अल-अज़हा की नमाज का समय शहर के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है। आमतौर पर बकरीद की नमाज़ सूर्योदय के बाद अदा की जाती है।


लखनऊ में बकरीद की नमाज पढ़ने का समय (Lucknow Bakrid Namaz Timing)


ऐशबाग ईदगाह- सुबह 10 बजे

टीले वाली मस्जिद- 9 बजे

आसिफी मस्जिद – 11 बजे

ईदगाह उजरियांव गोमतीनगर- 8 बजे

मस्जिद भईया साहब यहियागंज- सुबह 5 बजकर 45 मिनट

नादान महल जामा मस्जिद- सुबह 11 बजे


दिल्ली में बकरीद की नमाज का समय ( Delhi Bakrid Namaz Timing)


जामा मस्जिद में सुबह 7 बजकर 30 मिनट में बकरीद की नमाज पढ़ी जाएगी। इसके साथ ही बाबुटोला की ईदगाह में सुबह 7 बजे नमाज की जाएगी। इसके साथ दिल्ली के अन्य मस्जिदों में विभिन्न समयों में नमाज अदा की जाएगी।


मुरादाबाद में बकरीद की नमाज़ का समय (Moradabad Bakrid Namaz Timing)


मुरादाबाद में क्षेत्र के हिसाब से नमाज पढ़ने का समय थोड़ा अलग-अलग है।


असालतपुरा बड़ी मस्जिद- सुबह 08 बजे

गलशहीद स्थित मदरसा जामेउलहुदा-सुबह 08 बजे

इंद्रा चौक चांद वाली मस्जिद0 सुबह 06 बजकर 30 मिनट

मस्जिद पक्काबाग: 06 बजकर 15 मिनट पर

गरियों वाली मस्जिद: 05 बजकर 45 मिनट पर

जाहिद नगर बिनकाब मस्जिद: सुबह 6 बजकर 15 मिनट पर


बरेली में बकरीद की नमाज का समय (Bareli Bakrid Namaz Timing)




बरेली में बकरीद की नमाज का समय ईदगाह में सुबह 10 बजे होगी। इसके साथ ही मस्जिदों के हिसाब से अलग-अलग होगा। बता दें कि गढ़ी रफियाबाद की मस्जिद में पहली नमाज सुबह 7 बजे और दूसरी साढ़े 7 बजे होगी।


इसके साथ ही सुबह 5 बजकर 45 मिनट पर रेलवे जंक्शन की नूरी मस्जिद, जखीरे की दुलिया वाली मस्जिद, साहूकारा की अनार वाली मस्जिद मैं होगी। इसके साथ ही अन्य मस्जिदों में समय-समय पर नमाज होगी और सुबह 9 बजे खानकाह नियाजिया, दरगाह शाहदाना वली, नौमहला मस्जिद में होगी।


अलीगढ़ में बकरीद की नमाज का समय (Aligarh Bakrid Namaz Timing)


ऊपरकोट की जामा मस्जिद में सुबह 6 बजे नमाज अदा की जाएगी। इसके साथ ही नई ईदगाह पहली जमात 6:15 बजे और दूसरी जमात 7 बजे होगी। इसके साथ ही मस्जिद बू-अली शाह 6 बजकर 30 मिनट पर होगी।




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