हरीतिमा पर्यावरण सुरक्षा समीति ने डीएम को ज्ञापन सौंपा


Aligarh। बरसात काल में जल के संरक्षण हेतु व पूरे अलीगढ़ जनपद में विलुप्त हो रहे तालाबों व पोखरों को पुनर्जीवित करने की मांग को लेकर हरीतिमा पर्यावरण सुरक्षा समीति के अध्यक्ष सुबोध नंदन शर्मा व संरक्षा पूर्व विधायक विवेक बंसल ने संयुक्त रूप से आज एक ज्ञापन जिलाधिकारी अलीगढ विशाख जी को दिया ।



स्वच्छ जल के बिना एक स्वस्थ और सुखद जीवन की कल्पना करना असंभव है। ऐसे समय में हम अलीगढ़ जनपद की जल संपन्नता की पृष्ठभूमि आपके समक्ष प्रस्तुत करना चाहते हैं।

   इस जनपद में भूगर्भ जल, सतह पर उपलब्ध जल की सुलभता को सम्पन्न बनाये रखने में जनपद को पानीदार बनाये रखने में प्रकृति का प्रेम भरपूर प्राप्त था। गंगा और यमुना की अविरल और निर्मल धाराएं जीवन को सम्पन्न बनाए हुए थीं। इतना ही नहीं इस जनपद में तीन बड़ी-बड़ी सदाबहार नदियां काली, करबन और सेंगर जैसी नदियों के साथ ही ईसन, रुतबा (रिन्द) बड़गंगा, नीम और छोड्या जैसी बरसाती नदियां भी जनपद को सम्पन्न बनाए हुअ थी। काली और सेंगर का इतिहास एक हजार साल पुराना है। इस जनपद का पारिस्थितिक सन्तुलन तुलन बनाये रखने में जैव विविधता को सम्पन्नता प्रदान करने में जनपद में उपलब्ध जलाशयों (झील, पोखर, तालाब) की भूमिका विशिष्ट रही है। अब इस जनपद के बढ़ते शहरीकरण और कृषि भूमि, उद्योग भूमि के विस्तार के कारण स्थितियां बदल चुकी है। वर्तमान समय में जनपद में पानी एक बड़ी समस्या बना हुआ है। अधिकांश झील, पोखर, तालाब, नदियों या तो सूख रहे हैं अथवा उन पर अतिक्रमण, शोषण और प्रदूषण व्याप्त है- नदियों के सिर्फ नाम शेष रह गए हैं. गंगा-यमुना के साथ भी दुर्व्यहार जारी है। जल ही जीवन है- जल से जुड़ी समस्या पर आप जैसे विद्वत अधिकारी से अपेक्षा है. इस जीवन दाता विषय पर अवश्य शीघ्र निदान कराने हेतु आदेश प्रदान करेंगे। 

 मान्यवर, इस संदर्भ में निवेदन है कि उ०प्र० सरकार द्वारा वर्ष 2023 के मध्य में सभी जनपदों का गजट प्रकाशित करने के आदेश दिये गये थे, पूर्व में अलीगढ़ जनपद का गजट सन 1875 (एटकिंसन द्वारा) और सन 1909 में पूर्ण गजट प्रकाशित किया गया था- ये प्रतियां कम्प्यूटर पर उपलब्ध है- इससे यह ज्ञात हो सकेगा कि इन जल स्रोतों पर कहाँ कहाँ अतिक्रमण हुए हैं ऐसा होने पर नदी, झील, पोखर तालाबों को पुनः पुनर्जीवित किया जा सकेगा। आप जल जैसे विषय को जीवन का प्रमुख विषय मानकर इस जनपद का संकट खत्म करने में सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। पानी रहेगा तो जीवन रहेगा। स‌द्भावना सहित


विवेक बंसल (संरक्षक)                हरीतिमा पर्यावरण सुरक्षा समिति               सुबोध नंदन शर्मा (अध्यक्ष)

Post a Comment

0 Comments