बारिश के मौसम में मच्छरों से भी रहें सावधान, बिना डॉ की सलाह के न लें दवा

               मानसून में आए बुखार तो परामर्श ले:सीएमओ



कासगंज । बारिश के सीजन में बुखार में लापरवाही न बरतें चिकित्सक से परामर्श लें। मानसूनी सर्दी बुखार  खतरनाक रूप धारण कर सकता है। सबसे बेहतर यही है कि सतर्कता के साथ उपचार कराएं। जिससे नुकसान नहीं उठाना पड़े। अस्पताल में जाकर डाक्टर की परामर्श से इलाज कराएं। जब तक स्वस्थ्य न हो जाएं, तब तक नियमित इलाज कराना ही बेहतर है। बारिश का सीजन तमाम तरह की बीमारियों को लेकर आता है। जैसे:- बुखार, खांसी और जुकाम समेत कई तरह की बीमारियां लोगों को घेर लेती हैं। इसलिए ऐसे में सावधान रहने की जरूरत है। जरा सी लापरवाही नुकसान दे सकती हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अनिल कुमार ने बताया कि खुद से इलाज नहीं करें, बल्कि अपशिक्षित चिकित्सक के पास जाना भी नुकसानदायक हो सकता है। हर संचारी रोग की समय से पहचान और शीघ्र इलाज से बहुतायत लोग स्वस्थ हो जाते हैं।


जिला मलेरिया अधिकारी राजकुमार सारस्वत ने बताया कि इस माह के दौरान टीबी, डेंगू, मलेरिया, इंसेफेलाइटिस, कालाजार, कोविड-19 जैसे विभिन्न प्रकार के संचारी रोगों के अलावा कुपोषण के प्रति भी लोगों को जागरूक किया जाएगा। इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग नोडल की भूमिका में है। अभियान का मुख्य उद्देश्य बीमारियों के प्रति जनजागरूकता के जरिये रोकथाम है और इसके बावजूद अगर कोई बीमार होता है तो इलाज के सही तौर-तरीके के बारे में व्यवहार परिवर्तन करना है।


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बदलते मौसम में बढ़ जाते हैं वायरल फीवर के मरीज:

कासगंज चिकित्सा अधीक्षक डॉ आकाश सिंह ने बताया कि खाने में इन चीजों को करें शामिल - लहसुन में कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फॉरस और खनिज तत्व पाए जाते हैं। इससे सर्दी, जुकाम, दर्द, सूजन और त्वचा से सम्बंधित बीमारियां नहीं होती हैं। घी या तेल में लहसुन को तलकर चटनी के रूप में भी प्रयोग किया जा सकता है


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मच्छरों से बचाव जरूरी: 

डा. आकाश सिंह  ने बताया कि लोगों को इस समय मच्छरों से बचाव करना जरूरी है। मेडिकेटेड मच्छरदानी के इस्तेमाल, घरों के भीतर साफ-सफाई, हाथों की स्वच्छता, पौष्टिक भोजन के सेवन, चूहा, छछुंदर से घर को मुक्त करना, शुद्ध पेयजल के इस्तेमाल, पानी का क्लोरिनेशन कर इस्तेमाल, मॉस्क के उपयोग, दो गज की दूरी जैसे नियमों को मानना होगा। 


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आशाएं कर रहीं हैं मदद:

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक के पी सिंह ने बताया कि तेज बुखार का रोगी आशा कार्यकर्ता को सूचित करता है तो वह मरीज को अस्पताल तक पहुंचाने में मदद करती हैं। आवश्यकता पर एंबुलेंस सेवा भी मुहैया कराती हैं। संचारी रोगों के मामले में कोई भी अनहोनी इस कारण होती हैं कि लोग बुखार होने के बाद अपने मन से मेडिकल स्टोर से दवा खरीद कर खाते हैं या फिर किसी अप्रशिक्षित चिकित्सक की सहायता लेते हैं। अगर समय से इलाज शुरू कर दिया जाए तो जटिलताएं नहीं बढ़ती हैं और मरीज की जान बचायी जा सकती है।

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