सार्वजनिक स्वास्थ्य क्रियाओं को बढ़ावा देने के लिए इस कैंप का आयोजन किया गया।


 अलीगढ़, 5 मार्चः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहर लाल नेहरू मेडीकल कालिज के नाक, कान एवं गला रोग (ईएनटी) विभाग के तत्वाधान में वल्र्ड हियरिंग डे के उपलक्ष में ‘हियरिंग केयर फॉर ऑल’ विषय पर एक ‘हिअरिंग केयर कैंप’ का आयोजन सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के अली यावर जंग नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हियरिंग डिस्ऐबिलिटीज, मुंबई, के सहयोग से किया गया।

ईएनटी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर कमलेश चंद्र ने कहा कि बहरेपन और सुनने की शक्ति में कमी की रोकथाम और कान की देखभाल के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य क्रियाओं को बढ़ावा देने के लिए इस कैंप का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि कैंप में 60 से अधिक कान रोगियों की जांच की गई तथा सात बच्चों जिन पर कोकलियर इंप्लांट सर्जरी की गई थी का आंकलन किया गया। उन्होंने कहा कि सुनने की शक्ति इंसान के अन्दर सबसे पहले आती है। लेकिन यही सबसे ज्यादा खतरे में आ गई है और दुनिया भर में इस समस्या से युवा और किशोर प्रभावित हो रहे हैं।
स्क्रीनिंग के महत्व पर जोर देते हुए पूर्व विभागाध्यक्ष तथा मेडीसिन संकाय के पूर्व अधिष्ठाता प्रोफेसर एससी शर्मा ने कान से सम्बन्धित रोगों पर त्वरित ध्यान एवं इलाज की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सुन्ने की शक्ति की हानि वाले रोगियों के पुनर्वास के लिए सम्बन्धित रणनीति के प्रभावी कार्यान्वयन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि लोगों को बहरेपन का शिकार न होना पड़े इसके लिए विश्व स्वास्थय संगठन दुनिया भर के देशों को इससे जुड़ी योजनाओं को लागू करने की सलाह दे रहा है।
ईएनटी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डाक्टर आफताब अहमद ने कान से सम्बन्घित रोगों से ग्रस्त बच्चों के लिए प्रारंभिक हस्तक्षेप पर ध्यान आकर्षित करते हुए ऐसे बच्चों के पुर्नवास तथा बोलने की क्षमता को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
ईएनटी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डाक्टर मेहताब आलम ने सुनने की समस्याओं के उपचार के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को दी जाने वाली वित्तीय सहायता पर प्रकाश डाला।

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