अधिकांश महिलाऐं काम कने के बावजूद निर्धन ही रहती हैं : डॉ.रेनू सिंह परमार

 


                               Photo:- राष्ट्रीय सम्मेलन अमुवि

अलीगढ़, 6 मार्चः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग ने ‘असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिलाएँः वर्तमान भारत में समस्याएं और चुनौतियाँ‘ विषय पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता प्रख्यात बाल रोग विशेषज्ञ डाक्टर हमीदा तारिक ने की, जबकि सोच भारत अभियान की ब्रांड एंबेसडर प्रीति माहेश्वरी ने समापन सत्र को सम्बोधित किया।
अपने संबोधन में डाक्टर हमीदा तारिक ने कहा कि महिलाएं एक साथ कई प्रकार के काम करती हैं और वह अलग-अलग भूमिकाएँ निभाती हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सेवाओं को मान्यता दी जानी चाहिए चाहे वह कोई भी क्षेत्र क्यों न हो। सम्मेलन के विषयवस्तु को समय की आवश्यकता बताते हुए उन्होंने कहा कि अनौपचारिक क्षेत्र की महिलाएँ विशेष रूप से विभिन्न चुनौतियों का सामना करती हैं जिन्हें व्यावहारिक रूप से  सराहे जाने की आवश्यकता है।
मुख्य भाषण देते हुए प्रोफेसर सबीहा हुसैन (निदेशक, सरोजिनी नायडू सेंटर फार वीमेन स्टडीज, जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली, ने कहा कि अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं को पारिश्रमिक के रूप में बहुत कम भुगतान किया जाता है और अधिकांश महिलाऐं काम कने के बावजूद निर्धन ही रहती हैं।
मानद् अतिथि डा० रेनू सिंह परमार पूर्व भारतीय आर्थिक सेवा अधिकारी ने अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वाली महिला कर्मचारियों के लिए आवश्यक नीतिगत मुद्दों पर प्रकाश डाला। उन्होंने नए श्रम कानून से कामकाजी महिलाओं की अपेक्षाओं पर भी चर्चा की।
सुभाष भटनागर संस्थापक सदस्य, नर्मना समूह ने कहा कि संगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं के लिए लेबर आईडी कार्ड आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र के अनुशासन को अपना कर  विनियमित किया जा सकता है।
इससे पूर्व कामर्स विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर नवाब अली खान ने प्रतिभागियों का स्वागत किया, जबकि सम्मेलन के संयोजक और वाणिज्य संकाय के डीन, प्रोफेसर इमरान सलीम ने विषय का परिचय दिया।
आयोजन सचिव प्रोफेसर आसिया चैधरी ने अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भूमिका और घरेलू कामों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने प्रतिभागियों का आभार भी जताया। प्रोफेसर मुहम्मद मोहसिन खान ने सम्मेलन की अध्यक्षता की।
उद्घाटन सत्र के दौरान स्मारिका तथा डाक्टर मुहम्मद शोएब की पुस्तक ‘कौशल विकास, नवाचार और उद्यमिता’ का विमोचन भी किया गया। डॉ। निशात अंजुम ने कार्यक्रम का संचालन किया। उद्घाटन सत्र को यूट्यूब पर लाइव प्रसारित किया गया।
सम्मेलन के समापन सत्र की अध्यक्षता उद्यमी सुश्री सारिका सक्सेना ने की, जबकि सोच भारत अभियान की ब्रांड एंबेसडर प्रीति माहेश्वरी ने मुख्य भाषण दिया। दोनों मेहमानों ने अपने व्यापार के अनुभवों को अनौपचारिक क्षेत्र में साझा किया।
सम्मेलन के अलग-अलग सत्रों में 92 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।
प्रोफेसर नवाब अली खान और प्रोफेसर इमरान सलीम ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए। समापन सत्र की अध्यक्षता डाक्टर सालेहा परवीन ने की। डाक्टर नैय्यर रहमान और डाक्टर मुहम्मद सम्मान खान ने तकनीकी सहायता प्रदान की। सम्मेलन को राष्ट्रीय महिला आयोग, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित किया गया था।

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