एएमयू को भारत के प्रमुख न्यूज़मैगजीन "इंडिया टुडे" द्वारा तीसरी रैंक मिली। रैंकिंग में 1000 से अधिक सरकारी और निजी विश्वविद्यालय शामिल हैं, देश विदेश के छात्रों में खुशी की लहर


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अलीगढ़ /अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की अकादमिक उत्कृष्टता को उसके शताब्दी वर्ष में अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर लगातार मान्यता मिल रही है। टाइम्स हायर एजुकेशन, लंदन द्वारा उच्च रैंकिंग प्राप्त करने के अलावा, एएमयू को भारत के प्रमुख न्यूज़मैगजीन "इंडिया टुडे" द्वारा तीसरी रैंक मिली। रैंकिंग में 1000 से अधिक सरकारी और निजी विश्वविद्यालय शामिल हैं और यह सरकारी और निजी दोनों विश्वविद्यालयों में एएमयू को तीसरे स्थान पर रखता है।
इंडिया टुडे द्वारा घोषित रैंकिंग के अनुसार, एएमयू ने अधिकतम 2000 अंकों में से 1718.6 अंक प्राप्त किए हैं।

विश्व भर के साथ-साथ भारत में एक अलग पहचान जिसमें तहजीब के साथ-साथ पढ़ाई लिखाई पर जोर दिया जाता है, इस सर सैयद अहमद खान चमन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के लिए आज खुशखबरी का दिन है और  एएमयू के छात्रों सहित प्रशंसकों में खुशी की लहर  है  चाहे दुनिया भर में मौजूद पूर्व छात्र हो या मौजूदा छात्र सब मिलजुल कर  मिठाइयां बांट रहे एवं फक्र के साथ  खुशियां मना रहे हैं।
एएमयू को सर्वाधिक स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में शिक्षा प्रदान करने के लिए देश की सरकारी व निजी यूनिवर्सिटी में तीसरा स्थान मिला है। यह स्थान इंडिया टुडे की रैंकिंग में मिला है। कुछ दिनों पहले यूनिवर्सिटी को टाइम्स हॉयर एजूकेशन लंदन ने उच्च स्थान दिया था।
इंडिया टुडे की रैंकिंग के अनुसार, कुल 2000 अंक में से एएमयू को 1718.6 अंक मिले हैं। इस रैंकिंग में सबसे अधिक स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में शिक्षा प्रदान करने के आधार पर एएमयू को 90 स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों सहित तीसरी रैंक प्रदान की गई है, जबकि गत तीन वर्षों में सबसे अधिक पेटेंट प्राप्त करने वाले विश्वविद्यालयों में एएमयू को चौथा स्थान दिया गया है। साथ ही इंडिया टुडे बेस्ट लॉ कॉलेज की रैंकिंग में एएमयू के विधि संकाय को 11वां स्थान प्रदान किया गया है। कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए सभी शिक्षकों व छात्रों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह शिक्षकों व छात्रों के ही प्रयासों का फल है और आगे भी उनके प्रयत्नों व कड़ी मेहनत से ही विश्वद्यिालय को सफलता की बुलंदी प्राप्त होगी।
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 देश विदेश में पूर्व छात्रों में खुशी की लहर



एएमयू के पूर्व छात्र कमर आलम जोकि एएमयू में सन् 1980 मे दाखिला लेकर पढ़ाई हासिल की और आज वह एएमयू की पढ़ाई के बदौलत ही सीनियर चीफ इंजीनियर हिल्टन वर्ल्ड वाइल्ड अल मदीना मुनव्वरा सऊदी अरब में कार्य कर रहे हैं उन्होंने एएमयू को थर्ड रैंकिंग दिए जाने पर खुशी जाहिर की और कहा कि एएमयू विश्व में उच्च शिक्षा के विश्वविद्यालयों और संस्थानों के बीच एक अद्वितीय स्थान रखता है। यह 1920 में स्थापित किया गया था, और मोहम्मद एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज (MAO) से विकसित हुआ, जिसे 1877 में महान दूरदर्शी और समाज सुधारक, सर सैयद अहमद खान द्वारा स्थापित किया गया था। पूरे देश में उच्च शिक्षा के विश्वविद्यालयों और संस्थानों की संख्या के बावजूद, यह विश्वविद्यालय अपने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय चरित्र को उत्कृष्टता के संस्थान के रूप में बनाए हुए है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने दुनिया भर में उत्कृष्ट प्रतिष्ठा प्राप्त की है, कई देशों के छात्र। अपनी अकादमिक उत्कृष्टता के अलावा, एएमयू की अपनी ऐतिहासिक अभिरुचियां हैं जिन्हें सर्वश्रेष्ठ एएमयू परंपराओं के रूप में जाना जाता है जैसे, ऑर्डर ऑफ डिसिप्लिन, सभी के लिए सम्मान, सही मेजबान संस्कृति, सार्वजनिक महानता आदि।



अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एवं प्रोवोस्ट एस एस हॉल साउथ डॉक्टर बी०डी०खान जिन्होंने सन 1985-86 में बीएमएस में प्रवेश लिया और सन 1991 में बीयूएमएस पूर्ण किया और सन 1996 में एएमयू से ही एमडी किया डॉक्टर बी०डी०खान ने एएमयू के "इंडिया टुडे मैगजीन" में तीसरे स्थान पर आने पर बेहद खुशी जाहिर की है और उन्होंने पूरा श्रेय एएमयू के वाइस चांसलर श्री तारिक मंसूर को दिया है जो एएमयू के लिए बेहद अच्छा कार्य कर रहे हैं और खास तौर पर छात्रों और फैकल्टी मेंबर के साथ मिलकर एएमयू में बेहतर शिक्षा  दिला रहे हैं।देश के साथ-साथ विदेशो में भी एएमयू का नाम रोशन कर रहे हैं. डॉक्टर बी०डी०खान ने कहा की सर सैयद अहमद खान का सपना पूरा होता देख बहुत खुशी होती है और एएमयू कोर्सेज के साथ पीजी कोर्सेज के छात्रों ने भी एक इतिहास रचकर एएमयू को गर्व महसूस कराया है।


अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र अतीक़ खान जिन्होंने एएमयू से सन् 2000 में बीटेक सिविल इंजीनियरिंग करके अल-मुल्ला ग्रुप दुबई में सीनियर प्रोजेक्ट मैनेजर हैं, 20 साल से दुबई में कार्य कर रहे अतीक खान को आज बहुत खुशी हुई, उन्होंने आज एएमयू को तीसरी रैंक मिलने पर बधाई दी है, और उम्मीद की है कि एएमयू का नाम ऐसे ही रोशन होता रहे।



एएमयू के पूर्व छात्र पंकज महरवाल जिन्होंने सन् 1978 में एएमयू में प्रवेश (P-4688) लेकर 1984 में बीएससी मैकेनिकल इंजीनियरिंग की, उन्होंने आज एएमयू इंडिया टुडे मैगजीन द्वारा तीसरी रैंक मिलने पर बेहद हर्ष प्रकट किया, उन्होंने एसएस हाॅल रह कर पढ़ाई की थी, जिस पर आज उन्हें बहुत गर्व हो रहा है।



एएमयू के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर हमजा मलिक ने एएमयू में 2007 में प्रवेश लेकर 2010 में एमबीबीएस एवं 2018 में पीजी किया,  आज उन्हें इंडिया टुडे मैगजीन द्वारा एएमयू को तीसरा स्थान दिए जाने पर बेहद खुशी हो रही है, उन्होंने एएमयू की जमकर प्रशंसा की और सर सैयद अहमद खान के सपने को सफल होता हुआ बताया, इसका श्रेय वाइस चांसलर सहित छात्रों व टीचरों को दिया है, और उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन व एएमयू प्रशासन मिलकर एएमयू को ओर भी तरक्की देने का योगदान रहा।



एएमयू के पूर्व छात्र डॉक्टर अब्दुल्ला आजमी ने वर्ष 2007 में एमबीबीएस किया एवं 2016 में एमडी किया उसके साथ ही वह दो बार रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे उन्होंने कहा कि यह मेरे और सभी एल्युमिनी, छात्रों और AMU के छात्रों के लिए गर्व की बात है कि हमारे अल्मा मेटर को भारत के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में से एक के रूप में स्थान दिया गया है। एएमयू का प्रशासन और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि छात्र और शिक्षक इस उपलब्धि के लिए तालियां बजाते हैं।

एएमयू हमेशा से हमारे देश में सीखने और नवाचार की एक असाधारण सीट रही है। अपने छात्रों में जो श्रेष्ठ चरित्र है वह बहुत ही कम लोगों द्वारा अद्वितीय और मेल खाता है।

मैं अपने अल्मा मेटर से भी अपील करना चाहूंगा कि संचार, सहयोग और नवाचार की मौजूदा बाधाओं को तोड़कर नई ऊंचाई के लिए प्रयास करें, विशेष रूप से संकाय और छात्रों के बीच, जो कि एक समय के लिए भारतीय विश्वविद्यालयों को प्रभावित कर रहा है। मुझे आशा है कि एएमयू आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बीकन के रूप में काम करता रहेगा और हमारे देश और दुनिया के विकास में योगदान देता रहेगा।


राजाराम आनंद (पूराज्य मंत्री) पूर्व छात्र, एएमयू अलीगढ़ ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर हुए पीजी कोर्स के सर्वेक्षण में अलीगढ़ मुस्लिम  विश्वविद्यालय का तृतीय स्थान प्राप्त होने पर यूनिवर्सिटी के प्रशासन और फैकल्टी के प्रोफेसर  को दिल की गहराइयों से बधाई और मुबारकबाद प्रेषित करता हूं। एएमयू का पूर्व छात्र होने के नाते मैं जिम्मेदारी के साथ कह सकता हूं कि इस यूनिवर्सिटी में उपकुलपति से लेकर फैकल्टीज के प्रोफेसर शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए पूरी तरह समर्पित रहकर शिक्षा के वातावरण में अध्यापन का कार्य करते हैं।



एएमयू के पूर्व छात्र एवं समाज सेवक खालिद खान पप्पू ने एएमयू के तीसरे स्थान पर आने पर बेहद खुशी जाहिर की है और उन्होंने कहा कि सर सैयद अहमद खान साहब का सपना साकार होते देख बेहद खुशी हुई है एएमयू के वाइस चांसलर सहित सभी अध्यापकों व छात्रों को इसका श्रेय देना चाहता हूं और आशा करता हूं कि भविष्य में भी एएमयू ऐसे ही तरक्की कर देश का नाम रोशन करता रहे।
 

एएमयू के 1999 बैच के छात्र मोहम्मद वजहुल कमर जो आज "मिथिला-पोस्ट" दैनिक हिंदी न्यूज़ पेपर के चीफ एडिटर व संस्थापक ने कहा कि एएमयू रैंकिंग से आगे निकलने की उनकी विशिष्ट विशेषताओं के लिए भी जाना जाता है। जैसे 'ऑर्डर एंड डिसिप्लिन' और 'द परफेक्ट गेस्ट कल्चर'। आदेश और अनुशासन एक विशेषता है जिसे हर कॉलेज बढ़ावा देता है और अपने परिसर के भीतर बनाए रखने की कोशिश करता है लेकिन अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में परंपरा या of तहज़ीब ’की एक अलग पंक्ति है जो वहां के आदेश और अनुशासन को परिभाषित करती है। उदाहरण के लिए, आप बस किसी को भी अपने कमरे में प्रवेश नहीं कर सकते जब तक कि आपने दस्तक नहीं दी है और प्रतिज्ञान के लिए इंतजार नहीं किया है। एक अनकही ड्रेस कोड है जिसका अनुसरण विश्वविद्यालय में किया जाता है जहां कोई भी मुड़ा हुआ आस्तीन या अति आरामदायक कपड़े पहनकर कक्षाओं और सामाजिक समारोहों / समारोहों में नहीं जा सकता है। AMU में "एक अतिथि एक अतिथि है"। किसी भी छात्र के अतिथि को अतिथि के रूप में माना जाना चाहिए। इसके अलावा, Aligarians (जैसा कि वे जानते हैं) लोगों के इलाज के बारे में बहुत उदार हैं। अगर किसी को दोस्तों / रूममेट्स को ट्रीट देना है,
इसके अलावा, अगर सीनियर्स और जूनियर्स एक साथ कहीं खा रहे हैं, तो सीनियर्स को बिलों का वहन करना होगा।


एएमयू के पूर्व शोध छात्र मोहम्मद अनस जो 2008 से 18 तक एएमयू से तालीम हासिल की  ने कहा कि AMU का पूरे देश मे तीसरी रैंक पाना हम सभी अलीग्स के लिए फख्र की बात है, AMU से बहुत से दिग्गज स्टुडेंट्स निकले हैं जिन्होंने हर फील्ड में अपने देश और AMU का नाम रौशन किआ है।आज की इस सफलता का पूरा क्रेडिट अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय प्रशासन, यहाँ के शिक्षक तथा तमाम स्टूडेंट्स और रिसर्च स्कॉलर्स को जाता है जिनकी दिन रात मेहनत का नतीजा है कि हम तीसरी रैंक हांसिल करने में सफल रहे।हुमको पूरी उम्मीद है कि जान से प्यारी AMU बहुत ही जल्द देश की नम्बर एक यूनिवर्सिटी बन जाएगी। इंशा अल्लाह।



अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की डॉक्टर फरहा इलियास ने एएमयू से सन 2008 में बीयूएमएस में प्रवेश लेकर सन 2014 में डिग्री प्राप्त की और उसके बाद सन् 2015 में पोस्ट ग्रेजुएट भी एएमयू से ही किया और आज अलीगढ़ के प्राइवेट हॉस्पिटल में गायनिक की डॉक्टर के पद पर कार्य कर रही हैं और महिलाओं के लिए बेहतर इलाज कर रही है, डॉक्टर फरहा इलियास ने एएमयू के तीसरे रैंक पर आने पर उन्होंने अस्पताल में मिठाई बांट कर बेहद खुशी जाहिर की और कहा कि एएमयू की बदौलत ही आज वह लोगों की मदद व इलाज कर पा रहे हैं। उन्होंने ने एएमयू के अध्यापकों व वाइस चांसलर सहित अध्यापकोंं एवंं छात्रों इसका श्रेय दिया है।

एएमयू छात्रा सदफ शकील ने AMU को प्रतिष्ठित इंडिया टुडे रैंकिंग में तीसरे स्थान पर रखने के लिए अलीग बिरादरी को बधाई दी। हम हैं और हम हमेशा सर्वश्रेष्ठ थे, हमने हमेशा नफरत करने वालों और प्रचारकों को यह दिखाया है। वे केवल नकली प्रचार फैला सकते हैं और AMU को निष्क्रिय कर सकते हैं लेकिन हम हर बार अपनी उत्कृष्टता साबित करेंगे। लॉन्ग लाइव एएमयू । सेन्चा है इस खून से हम तन्ना लबों ने, टैब जाके है और बाज का मिखाना बन गया है।

एएमयू के छात्र नेता फर्रूक लोदी ने आज एएमयू का नाम इंडिया टुडे मैगजीन मैं तीसरे स्थान पर आने की खबर सुनकर लखनऊ में मिठाइयां बांटकर खुशी व हर्ष प्रकट किया और एएमयू के लिए सर सैयद अहमद खां के ऐतिहासिक कार्य की प्रशंसाा की है। फर्रूक लोदी तीसरी रैंक मिलनेेेेेे पर एएमयू वाइस चांसलर तारिक मंसूूूर, अध्यापकों व छात्रों को बधाई दी है।
Newssource:Exposed News agency


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