प्रदेश में हो रहे क्राइम पर मुख्यमंत्री कार्यालय अलर्ट है। वह लगातार मॉनिटरिंग भी कर रहा है। कई मामलों में फील्ड या विभाग स्तर पर मामलों में लीपापोती की कोशिश हुई l

                        Photo :   थर्ड पार्टी 

लखनऊ. CM Yogi Adityanath के मुख्यमंत्री बनते ही प्रदेश में crime पर काबू पाने के लिये काई योजनाएं लाई गई। इसके लिये कई पोर्टल बनाए गये जिस पर अब तक 2300 से अधिक शिकायतें की गई हैं। इनमें 1900 से अधिक शिकायतें ऐसी मिलीं जिनमें भ्रष्टाचार के बिंदु शामिल नहीं थे। कई ने तो गाने और परिवार में विवाद की बातचीत ही अपलोड कर दी थी। ऐसे मामलों को शिकायतकर्ताओं को वापस कर दिया गया। कहा गया कि यदि उनके पास भ्रष्टाचार से जुड़े कोई साक्ष्य हैं तो वे शिकायत फिर भेज सकते हैं। सरकार ने ऑडियो-वीडियो की पड़ताल में 256 शिकायतों को प्रथमदृष्टया कार्रवाई के योग्य माना और विभागों को परीक्षण कर कार्रवाई के लिए भेजा। स्थानीय स्तर पर कार्रवाई योग्य मामले जिलाधिकारियों को भेज दिए गए। शासन के एक अधिकारी ने बताया कि 256 मामलों में से 117 में कार्रवाई पूरी हो चुकी है। एक मामले को विभाग ने कार्रवाई लायक नहीं माना। 138 शिकायतों पर कार्रवाई किसी न किसी स्तर पर चल रही है। अब भी रोजाना 10 से 15 शिकायतें आ रही हैं।
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अलर्ट है मुख्यमंत्री कार्यालय
प्रदेश में हो रहे क्राइम पर मुख्यमंत्री कार्यालय अलर्ट है। वह लगातार मॉनिटरिंग भी कर रहा है। कई मामलों में फील्ड या विभाग स्तर पर मामलों में लीपापोती की कोशिश हुई, लेकिन उसे फिर कार्रवाई के लिए भेजा गया और दोषी कर्मचारी दंडित किए गए। निलंबन, प्रतिकूल प्रविष्टि, एफआईआर तक हुई है। एक मामले में कर्मी को बर्खास्त भी होना पड़ा है।
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प्रदेश के इन मामलों पर हुई कार्रवाई
- प्रतापगढ़ में ट्रांसफार्मर लगाने के एवज में पैसे मांगने की शिकायत की गई थी। इसकी जांच के आधार पर निविदा कर्मी देवी प्रसाद (कुशल श्रमिक) को बर्खास्त कर दिया गया।
- सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग में बांदा के तत्कालीन भूमि संरक्षण अधिकारी रमेश चंद्र के खिलाफ निर्माण कार्यों का भुगतान न करने, कमीशन मांगने, मनमाने व भ्रष्ट आचरण की शिकायत की गई थी। जांच में आरोप सही पाए जाने पर उन्हें निलंबित कर समादेश मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया। अनुशासनिक जांच की कार्यवाही अंतिम चरण में है।

- एटा के एक शिकायतकर्ता ने पोर्टल पर वरिष्ठ निरीक्षक विधिक माप विज्ञान सुनील कुमार के खिलाफ पेट्रोल पंप से अवैध वसूली और न देने पर काम रोकने की धमकी की शिकायत की थी। इस मामले में वरिष्ठ निरीक्षक को निलंबित किया गया और जांच के बाद भर्त्सना प्रविष्टि के साथ एक वेतनवृद्धि अस्थायी रूप से रोक दी गई।

- एटा में तत्कालीन बीडीओ भगवान सिंह चौहान के खिलाफ घूस लेने की शिकायत हुई थी। मामले में संयुक्त विकास आयुक्त अलीगढ़ मंडल को जांच सौंपते हुए अनुशासनिक कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
- एक वीडियो के जरिए वाराणसी के प्रभारी अपर मुख्य अधिकारी सुधीर कुमार के खिलाफ एक कांट्रैक्टर से कमीशन मांगने की शिकायत हुई थी। अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज के निर्देश पर अधिकारी को जिला पंचायत अनुश्रवण कोष्ठक लखनऊ से संबद्ध किया गया। जिलाधिकारी से शिकायत की जांच कर रिपोर्ट मांगी गई है।

- देवरिया के बीएसए ऑफिस में एमआईएस इंचार्ज के पद पर कार्यरत कर्मी आलोक रंजन मिश्रा के खिलाफ शिकायत की गई थी कि सेवा प्रदाता के माध्यम से तैनात कर्मियों के नवीनीकरण के लिए रिश्वत मांगी जा रही है। इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई। इनकी नौकरी गई और नवीनीकरण भी नहीं हो सका।
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2018 में हुई थी Anti Corruption Portal की शुरुआत
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने मार्च, 2018 में एंटी करप्शन पोर्टल की शुरुआत की थी। इसके जरिए आम लोग भ्रष्ट नौकरशाहों और कर्मचारियों के खिलाफ सीधी शिकायत करने का प्रावधान है। इस पोर्टल के माध्यम से स्टिंग ऑपरेशन कर भ्रष्ट नौकरशाहों और कर्मचारियों की शिकायत सरकार से की जा सकती है। इसके लिए भ्रष्ट और अकर्मण्य अधिकारियों के खिलाफ किसी भी तरह का ऑडियो-वीडियो बनाकर पोर्टल पर शिकायत की जा सकती है। शिकायत करने वालों की पहचान पूरी तरह गुप्त रखी जाती है। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने कहा कि सरकार जनता के लिए बहुत अच्छे टूल्स का प्रयोग कर रही है। इससे अच्छी पहल भला क्या हो सकती है। इसमें जनता को अब भ्रष्टाचार से आसानी से मुक्ति मिल सकेगी. सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत हथियार दिया है। साभार : पत्रिका 

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