कलेक्ट्रेट सभागार में मास्टर ट्रेनर के प्रशिक्षण में निर्देश दिए

पीठासीन व मतदान अधिकारी होते है चुनाव की रीढ़ -डी. एम.
प्रशिक्षण के दौरान प्रत्येक शंका पर प्रशन करें

     श्री सिंह ने बताया कि ट्रेनिंग के दौरान कन्ट्रोल यूनिट वैलिट यूनिट,वीवीपैड में आपस में कनेक्शन करना भलीभांति समझ लें। उन्होने कहा कि पोलिंग पार्टियों को विस्तृत रूप से अवगत करा दिया जायें कि दिनांक 17 अप्रैल को प्रातः ही अपने गतव्य स्थान को रवाना होगे तथा सायं 4 बजे तक अपने बूथ पर पहुॅचने के पश्चात सर्वप्रथम निरीक्षण करेगे कि 200 मीटर के अन्तर्गत किसी राजनैतिक पार्टी ने अपना कार्यालय या बूथ तो नहीं बनाया है। यदि किसी पार्टी का बूथ बना हो तो तुरन्त हटवा दें। उन्होने कहा कि पोलिंग पार्टी किसी भी व्यक्ति का आतिथ्य स्वीकार न करें , प्रत्येक बूथ पर खाने एवं चाय नाश्ते की व्यवस्था रसोईयों द्वारा की जायेगी।
     मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि सभी पोलिंग पार्टी चुनाव प्रारम्भ होने एक धन्टा पूर्व मांकपोल अवश्य करायेंगे माॅकपोल के समय विभिन्न राजनैतिक पार्टियों के एजेन्टो को भी मांकपोल प्रक्रिया को भी दिखायेंगे तत्पश्चात पीठासीन अधिकारी द्वारा मतदान प्रारम्भ कराने की घोषणा करने के पश्चात समय से मतदान प्रारम्भ कराया जायेगा। उन्होने कहा कि मतदान अधिकारी प्रथम मतदाता की पहचान करेंगे तथा चुनाव आयोग द्वारा बताये गये 11 पहचान पत्रों में से किसी एक को अपनी पहचान के लिये प्रस्तुत करेंगे। उन्होने कहा कि मतदान अधिकारी द्वितीय रजिस्टर 17 ए  पर मतदाता के हस्ताक्षर एवं अगूठा लगवायेंगे तथा अमिट स्याही मतदाता के उॅगली पर लगायेंगे।
     श्री सिंह ने कहा कि दिव्यांग व्यक्तियों के लिये पीठासीन अधिकारी उन सहायक के रूप में एक व्यक्ति की अनुमति प्रदान करेंगे जो उस बूथ का मतदाता हो। उन्होने कहा कि मतदान केन्द्र के अन्दर निर्वाचन अभिकर्ता या मतदाता की गोद का बच्चा के अतिरिक्त अन्य कोई प्रवेश नहीं करेगा।
       इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अनुन्य झा,अपर जिलाधिकारी उदय सिंह  के साथ मास्टर ट्रेनर आदि उपस्थित थे।
  अलीगढ़ /जिलाधिकारी चन्द्र भूषण सिंह ने कलैक्ट्रेट सभागार में मास्टर ट्रेनर के प्रशिक्षण में निर्देश दिये कि पीठासीन व मतदान अधिकारी चुनाव प्रक्रिया में रीढ़ की हड्डी होते है। अतः सभी कार्मिकों को प्रशिक्षण देते समय ध्यान रहे कि वह अपने प्रत्येक कार्य को भलीभांति समझ लें इसके लिये एक घन्टे वीडियो फिल्म बनाई गयी है जिसमें सैन्दातिक एवं मशीन प्रशिक्षण के बारे में पूरी जानकारी दी गयी है। फिल्म के साथ साथ यदि किसी पीठासीन अधिकारी व मतदान अधिकारी प्रथम को किसी प्रक्रिया में शंका हो तो मास्टर मास्टर ट्रेनर उनकी शंकाओं का समाधान करे।

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