बैंगलोर। कर्नाटक राज्य की लोकसभा सीट बेंगलुरु सेंट्रल पर अभी बीजेपी का कब्जा है और पार्टी के नेता पीसी मोहन यहां से सांसद हैं। बेंगलुरु सेंट्रल संसदीय सीट साल 2008 में अस्तित्व में आई थी। इस सीट को बेंगलुरु नॉर्थ और साउथ लोकसभा सीट से हटाकर तैयार किया गया था। साल 2009 में यहां पहले लोकसभा चुनाव हुए और बीजेपी के पीसी मोहन उस समय भी यहां से पहली बार सांसद बने।
अल्पसंख्यक वोटर्स का दबदबा
बेंगलुरु के इस संसदीय क्षेत्र पर अल्पसंख्यक वोटर्स का दबदबा है। इस वजह से यह सीट हर पार्टी के उम्मीदवार के लिए कई चुनौतियां भी पेश करती है। न सिर्फ धार्मिक बल्कि भाषाई तौर पर भी इस सीट पर अल्पसंख्यक समुदाय हावी है। इस संसदीय क्षेत्र में 5.5 लाख तमिल, 4.5 लाख मुसलमान और करीब दो लाख क्रिश्चियन समुदाय के मतदाता हैं। इसके अलावा मारवाड़ी और जैन धर्म के लोग भी अच्छी खासी संख्या में हैं। जैन और मारवाड़ी आबादी सेंट्रल बेंगलुरु के छिकपेट और गांधीनगर जैसे इलाकों में रहती है। वहीं शिवाजी नगर, उल्सूर, गांधीनगर, शेषाद्रीपुरम और आसपास के इलाकों में तमिल आबादी रहती है। इस क्षेत्र में कई आर्थिक स्तर के मतदाता हैं। मीडिल क्लास से लेकर संभ्रात परिवार के मतदाता तो यहां पर हैं ही साथ ही साथ झुग्गियों में रहने वाले मतदाता भी अच्छी खासी संख्या में हैं।
एशिया की तीसरी सबसे महंगी जगह
बेंगलुरु सेंट्रल के बारें आप जब एक तथ्य जानेंगे तो चौक जाएंगे। यह जगह एशिया में तीसरी सबसे महंगी जगह में शुमार है। यहां पर ऑफिस प्लेस होना हर किसी का सपना होता है। 20 किेलोमीटर के दायरे में सीबीडी यानी सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रीक्ट है जहां पर कर्नाटक विधान सौधा यानी विधान सभा से लेकर यूबी टावॅर पर है जो एशिया में सबसे ऊंचा टॉवर है। इसकी ऊंचाई 404 फीट यानी 123 मीटर है। यूबी सिटी एशिया का पहली लग्जरी शॉपिंग मॉल है। यहां पर जमीन की कीमतें बहुत ज्यादा हैं और ब्रिगेड रोड एशिया का तीसरा सबसे महंगा ऑफिस प्लेस है। वहीं महात्मा गांधी रोड या एमजी रोड एशिया का 13वां सबसे महंगा इलाका है।
कई देशों के दूतावास
इसके अलावा इसी इलाके में कई देशों के दूतावास हैं। सेंट्रल बेंगलुरु में इजरायल, जापान, जर्मनी, कनाडा, फ्रांस, यूके, ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड, कुवैत, लेबनान, सऊदी अरब, यूक्रेन, रूस और इजिप्ट के अलावा कई और देश के कांसुलेट ऑफिस हैं। इसके अलावा इस इलाके में कई मशहूर फाइव स्टार होटल भी हैं। इसके अलावा मशहूर क्रिकेट स्टेडियम चिन्नास्वामी भी यहीं पर हैं। सेंट्रल बेंगलुरु, बैंगलोर का वह हिस्सा जहां पर एतिहासिक कब्बन पार्क भी स्थित है। इस पार्क को आधिकारिक तौर पर श्री चामराजेंद्र पार्क भी कहते हैं। इसे बेंगलुरु सिटी का 'लंग' एरिया कहते हैं। इस पार्क का निर्माण सन् 1870 में ब्रिटिश मेजर जनरल रिचर्ड सांके ने किया था। मेजर जनरल सांके मैसूर के चीफ इंजीनियर थे। पार्क करीब 100 एकड़ के एरिया में फैला हुआ था लेकिन अब यह 300 एकड़ के एरिया को कवर करता है। इस पार्क के चार दरवाजे हैं और यहां पर आपको कई प्रकार के फूलों की प्रजातियां मिल जाएंगी। कब्बन पार्क बेंगलुरु आने वाले हर पर्यटक की लिस्ट में शामिल होता है। इस पार्क को 'फ्रीडम पार्क' के तौर पर भी जाना जाता है।
हर तबके के वोटर्स का गढ़
अब बात करते हैं यहां के चुनावी समीकरणों की। बेंगलुरु सेंट्रल की कुल आबादी 23,92,833 है। नॉर्थ बेंगलुरु की ही तरह सेंट्रल की भी ज्यादातर आबादी शहरी आबादी है। बेंगलुरु सेंट्रल की सिर्फ 3.95 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है। यहां की 96.05 प्रतिशत आबादी शहरी आबादी है। वहीं 16.6 प्रतिशत एससी तो 1.61 प्रतिशत आबादी एसटी है। यहां कुल मतदाता 19,31,663 हैं जिसमें से 10, 10, 586 पुरुष मतदाता तो 9,21,077 महिला मतदाता है। यहां पर साल 2009 और 2014 में लोकसभा चुनाव हुए और दोनों बार बीजेपी को ही जीत मिली है। दोनों ही बार बीजेपी के पीसी मोहन जीते जो कि एक बिजनेसमैन और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। साल 2009 में मोहन ने कांग्रेस के एचटी शांगलियाना को मात दी थी। साल 2014 में उन्होंने कांग्रेस के रिजवान अरशद को हराया। पिछले लोकसभा चुनावों में मोहन को जहां 55,71,30 वोट् मिले तो वहीं कांग्रेस के अरशद को 41,96,30 वोट्स हासिल हुए थे। input
0 Comments