आज से करीब डेढ़ सौ वर्ष पहले उन्होंने अपने किए गए एक प्रयोग के दौरान यह पाया था कि अलीगढ़ का वातावरण संक्रमण के लिए सबसे कम अनुकूल है।




डॉक्टर राहत अबरार एएमयू इतिहास के मामलों के जानकार
अलीगढ़ / कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने के बीच अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सैयद अहमद खान का वह फैसला भी याद आता है जब उन्होंने विश्वविद्यालय की स्थापना करने के लिए अलीगढ़ शहर को चुना था। आज से करीब डेढ़ सौ वर्ष पहले उन्होंने अपने किए गए एक प्रयोग के दौरान यह पाया था कि अलीगढ़ का वातावरण संक्रमण के लिए सबसे कम अनुकूल है। यानि कि यहां पर किसी भी संक्रामक रोग के फैलने की संभावना सबसे कम है। एएमयू इतिहास मामलों के जानकार डॉक्टर राहत अबरार कहते हैं कि उस समय उन्होंने एक मांस का टुकड़ा लेकर यहां रखा था और यह पाया कि वह सबसे अधिक अवधि तक सही रह पाया था। जबकि दिल्ली और अन्य शहरों में संक्रामक रोग फैलने की संभावना अधिक पाई गई थी। मौजूदा हालात में सर सैयद का फैसला और किया गया प्रयोग एक बार फिर चर्चा में है। डॉ. अबरार कहते हैं कि इस समय कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते एक बार फिर से महामारी की स्थिति बनी हुई है। अभी तक अलीगढ़ में या अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले किसी भी छात्र को कोरोना से संक्रमित होने का कोई मामला नहीं पाया गया है। जबकि थोड़ी दूरी पर ही नोएडा और दिल्ली में लगातार मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे हालात में सर सैयद अहमद की दूरदर्शिता को बखूबी समझा जा सकता है। सर सैयद एक जगह लिखते हैं की गंगा और यमुना के बीच में यह जगह न सिर्फ कृषि के दृष्टिकोण से बेहद उपयोगी है बल्कि प्रवास करने के लिहाज से भी बहुत अच्छी है।

सर सैयद अहमद खान संस्थापक एएमयू
सर सैयद अहमद खान संस्थापक एएमयू अलीगढ़ / न्यूज सोर्स :- amarujala. com

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