नागरिकता कानून के खिलाफ अलीगढ़ की आवाम सड़कों पर थी. देखते ही देखते अधिक संख्या में भीड़ इकट्ठा हो गई थी. उनकी रिहाई के बाद ही आंदोलन समाप्त हुआ l

 


अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में रविवार की रात 26 गिरफ्तारियों के बाद सोमवार की सुबह 9 बजे से अलीगढ़ की आवाम प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. सुबह जब प्रदर्शन शुरू हुआ तो कहीं भी नेतृत्व नहीं दिखा.
अलीगढ़ /  नागरिकता कानून को लेकर जामिया के बाद एएमयूं में प्रदर्शन तेज हो गया था. इस मामले में पुलिस ने रविवार की रात 26 से अधिक छात्रों को गिरफ्तार किया था. इस घटना में कई पुलिसकर्मी सहित कई छात्रों के घायल होने की खबर मिली थी. सोमवार की सुबह गिरफ्तार लोगों के विरोध और नागरिकता कानून के खिलाफ अलीगढ़ की आवाम सड़कों पर थी. देखते ही देखते अधिक संख्या में भीड़ इकट्ठा हो गई थी. उनकी रिहाई के बाद ही आंदोलन समाप्त हुआ.
दरअसल, रविवार रात गिरफ्तार 26 गिरफ्तारियों के बाद सोमवार की सुबह 9 बजे से अलीगढ़ की आवाम प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. सुबह जब प्रदर्शन शुरू हुआ तो कहीं भी नेतृत्व नहीं दिखा. न ही प्रशासन उन्हें समझा पा रहा था, लेकिन दोपहर होते होते शहर के कई मनिंद राजनेताओं से लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं भी शामिल होकर प्रदर्शनकारियों को समझाया और उसका नेतृत्व किया. इसमें मेयर मो.फुरकान, शहर मुफ्ती मो.खलिद हमीद, सपा नेता अज्जू इशहाक, युवजन सभा प्रदेश सचिव सलमान शाहिद, पूर्व विधायक जमीरउल्लाह, आदि शामिल रहे.
प्रशासन ने उनसे लोगों को शांत रखने और समझाने की मदद मांगी. उन्होंने लोगों को समझाया तो लेकिन वो भी उनकी सुर में सुर मिलाते हुए गिरफ्तारियों की रिहाई की मांग की. सुबह शुरू हुआ प्रदर्शन शाम को भी थमने का नाम नहीं ले रहा था. शाम होते होते आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा था. कुछ लोगों से शुरू हुआ यह प्रदर्शन अधिक संख्या में पहुँच चुका था.
फिर डीएम आवास पर डीएम, एसएसपी की मौजूदगी में इन नेताओं की एक बैठक बुलाई गई. इस बैठक में देर रात सशर्त जमानत दिया जाना तय हुआ. इस निर्णय की बाद ही देर रात जगह जगह हो रहे प्रदर्शन थम सके. इस दौरान नागरिकता कानून को लेकर भी जमकर नारेबाजी की गई थी. 

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