
अलीगढ़ / शहर में तनावपूर्ण माहौल के डीएम चंद्रभूषण सिंह की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभागार में मुस्लिम धर्मगुरु, उलेमाओं, नेता व शहर के संभ्रांत नागरिकों के साथ बैठक की। इसमें डीएम ने सभी से कानून व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करने की अपील की। हर व्यक्ति के सवालों के जवाब भी दिए। कहा कि, अगर आपकी कोई मांग है तो उसे ज्ञापन के माध्यम से दीजिए, जिसे शासन स्तर पर पहुंचाया जाएगा। इस पर सभी ने एक सुर में कहा कि वह अमन-चैन कायम रखने में प्रशासन का पूरा सहयोग करेंगे।
किसी भी भारतीय की नागरिकता पर नहीं पड़ेगा प्रभाव
डीएम ने कहा कि नागरिकता कानून 2019 में उन व्यक्तियों को नागरिकता दी जाएगी, जो पड़ोसी देश में हिन्दू , सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के व्यक्ति हैं। इस अधिनियम में किसी भी भारतवासी की नागरिकता पर कोई भी प्रभाव नहीं पडऩे वाला है। जो यहां का निवासी है, उसे कोई दिक्कत नहीं होगी। ऐसे में शहर के लोग अमन, शांति और भाईचारा बनाए रखने में सहयोग करें। शहर के हर नागरिक के साथ प्रशासन व पुलिस हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।
सड़क पर प्रदर्शन से नहीं निकलेगा कोई हल
एसएसपी आकाश कुलहरि ने कहा कि अपनी बात रखने का सभी को समान अधिकार प्राप्त है, लेकिन हर बात रखने का एक सलीका होता है। सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने से कोई भी हल नहीं होता है। यह शहर यहां के लोगों का है। ऐसे में यहां का अमन चैन कायम रखना यहां के हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। यहां के लोगों को संसद और न्यायपालिका में भरोसा रखना चाहिए। एक माध्यम से अपनी मांगों का ज्ञापन दीजिए , उसे शासन तक पहुंचाया जाएगा। बैठक में शहर के लोगों ने भी इसके बारे में सवाल पूछे। डीएम ने व्यापार मंडल की तारीफ करते हुए कहा कि व्यापारियों ने शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखने में काफी सहयोग किया। उन्होंने खुद भ्रमण कर अफवाहों को दूर किया है। बाजार खुलवाने में भी सहयोग किया।
ऐसी न करें हरकत, जिससे बिगड़े अमन चैन
मेयर मो. फुरकान ने कहा कि ये लड़ाई आगे की है। यहां पर सड़कों पर आकर शहर की आब-ओ-हवा को मत खराब करो। आप सभी अपनी बात अपना विरोध पूरे विश्व में दिखा चुके हैं, अब ऐसी कोई हरकत न करें, जिससे शहर का अमन चैन खराब हो। सपा नेता अज्जू इशहाक, सलमान शाहिद व पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह खां ने भी सहयोग का भरोसा दिया। इस मौके पर पार्षद समेत अन्य मौजूद रहे।
कैब को लेकर भ्रम में दिखे लोग
डीएम ने बैठक में मौजूद सभी लोगों से बारी-बारी से कैब (नागरिकता संशोधन बिल) के बारे में पूछा। इस पर अधिकांश लोग सही जानकारी नहीं दे सके। इसके बाद सीडीओ ने सभी को विस्तार से बताया। इस पर अधिकांश लोग संतुष्ट हो गए, लेकिन एक-दो लोगों का सवाल था कि इसमें मुस्लिमों को शामिल क्यों नहीं किया। डीएम ने इन्हें फिर से समझाया और संतुष्ट किया। साभार
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